Internal linking क्या है कैसे करे - ldkalink
Internal linking क्या होता है
Internal linking क्यों महत्वपूर्ण है SEO के लिए
Internal linking के फायदे
- content के बारे में अधिक जानकारी देना: जब आप किसी पोस्ट में इंटरनल लिंकिंग करते है तो जब विज़िटर द्वारा आपके किसी पोस्ट को पढ़ा जाता है तो इसमें इस पोस्ट से रिलेटेड किसी दूसरे पेज को भी जिसकी आपने इंटरनल लिंकिंग की है इस पेज के बारे में विजिटर को आसानी से पता चल जाता है।
जिससे विज़िटर दूसरे पोस्ट में आसानी से पहुंच जाता है बिना आपके ब्लॉग में कोई पोस्ट सर्च किये ही, किसी भी पोस्ट से सम्बंधित पूरी जानकारी आसानी से मिल जाती है। - fast crawl and index: इंटरनल लिंकिंग की सहायता से किसी भी पोस्ट और पेजेज को बहुत जल्दी इंडेक्स और Crawl कराया जा सकता है जब आपका ब्लॉग नया होता है तो इस टाइम आपके पेजेज रैंक होने में थोड़ा टाइम लेता है।
यदि आपके पोस्ट में इंटरनल लिंकिंग है तो आपका यह पोस्ट और आपके द्वारा जो पेजेज लिंक किया गया है ये सभी बहुत जल्दी इंडेक्स होने लग जाते है।
जब कभी सर्च इंजन क्रॉलर आपके ब्लॉग पर आते है और आपके किसी पोस्ट को क्रॉल करते है तो इस पोस्ट में इंटरनल लिंकिंग के होने से आपके दूसरे पोस्ट के बारे में भी पता चल जाता है।
जब आपके पेजेज आसानी से क्रॉल कर लिए जाते है तो SERP में भी यह बेहतर प्रदर्शन करने लगती है। - page view का बढ़ना: इंटरनल लिंकिंग आपके पुराने पोस्ट का व्यू और जयादा बढ़ा देती है क्यों की इसी से ही विज़िटर को आपके पुराने पोस्ट के बारे में जानकारी मिलते रहती है।
यदि आपका ब्लॉग बहुत पुराना है तो इसमें पोस्ट भी बहुत सारे होंगे, जिससे विज़िटर को आपके सारे पोस्ट के बारे में जानकारी नहीं मिल पाती है।
यदि आपके द्वारा इंटरनल लिंकिंग किया गया है तो विज़िटर को बढ़ी आसानी से आपके पुराने पोस्ट के बारे में जानकरी मिल जाती है और कम्पलीट जानकारी यूजर को मिल जाती है। - Bounce rate कम करना: इंटरनल लिंकिंग आपके ब्लॉग के बाउंस रेट को कम करने में मदत करता है जैसे की नाम से ही स्पस्ट है बाउंस का सीधा मतलब होता है उछालना या कूदना और रेट का सीधा मतलब होता है प्रतिशत या फिर इसे दर से भी जाना जाता है।
अब हम किसी भी ब्लॉग में बाउंस रेट की बात करे तो इसका मतलब है की उछल कूद की दर या फिर इसे औसत भी कह सकते है।
जब कोई भी यूजर हमारे ब्लॉग पर आता है तो वह सिर्फ एक ही पेज को रीड करके इस ब्लॉग से बहार चला जाता है बिना किसी दूसरे पेज पर क्लिक किये बिना ही, इसे ही बाउंस कहा जाता है।
अब ब्लॉग में इसी तरह से हुए बाउंस की दर को मापा जाता है जिसे ही बाउंस रेट कहा जाता है।
जब आपके ब्लॉग के पोस्ट में इंटरनल लिंकिंग होता है तो यह बाउंस रेट को कम कर देता है और इस प्रकार यूजर आपके ब्लॉग पर ज्यादा देर तक रहता है।
Internal linking कैसे करे
01. anchor text एक प्रयोग करके: नए यूजर का हमेशा से एक सवाल होता है की Internal linking kaise kare तो इसका जवाब है anchor text का उपयोग करके आप इंटरनल लिंकिंग से अधिक लाभ प्राप्त कर सकते है।
02. anchor text पर लिंक करने के सही तरीका: जिस anchor text का उपयोग इंटरनल लिंकिंग के लिए आपके द्वारा किया जा रहा है वह टेक्स्ट descriptive और समझने योग्य होना चाहिए।
Note: जब कभी भी एंकर टेक्स्ट के रूप में कोई वर्ड सेलेक्ट करे तो इस तरह के वर्ड में पेज, आर्टिकल, यहाँ क्लिक करे इस तरह के वर्ड का उपयोग न करे।
03. इम्पोर्टेन्ट पेज को इंटरनल लिंकिंग करे: जब भी आप एक पेज को किसी दूसरे पेज से लिंक करते है तो यह लिंक उस पेज के लिए लिंक जूस बन जाता है।
04. content के स्टार्टिंग में ही Internal linking करे: जब अपने किसी पोस्ट में इंटरनल लिंकिंग रखते है तो यह बाउंस रेट को कम कर देता है और साथ ही dwell time को बेहतर बनाने में सहायता मिलती है।
05. Do follow लिंक का उपयोग करे: यदि आप अपने वेबसाइट का seo अच्छे से करना चाहते है तो आपको dofollow लिंक्स का उपयोग करना चाहिए।
06. Internal linking में क्या सावधानी रखे: जब भी आप अपने पेज में इंटरनल लिंकिंग करे, तो ऑटोमेटिक इंटरनल लिंकिंग टूल्स या फिर किसी प्रकार का प्लगिन्स का उपयोग बिलकुल न करे, इसके होने वाले नुकशान के बारे भी निचे बताया गया है।
- यदि आप ऑटोमेटिक या किसी प्लगइन की सहायता से इंटरनल लिंकिंग करना चाहते है तो यह बिना समझे ही इंटरनल लिंकिंग कर देता है किस पेज में अधिक से अधिक जूस के आवशकता पड़ती है या किस पेज को सबसे ज्यादा लिंक करने की आवशकता है।
- जब आप ऑटोमेटिक या किसी प्लगइन का उपयोग इंटरनल लिंकिंग में करते है तो यह एक ही दिन में 1k से भी कही ज्यादा एक्स्ट्रा मैच एंकर टेक्स्ट इंटरनल लिंक क्रिएट कर सकता है जिससे की आपका ब्लॉग पेनल्टी की ओर जा सकता है।
- ऑटोमेटिक टूल या प्लगइन यह कभी नहीं सोचता की जिससे लिंक किया जा रहा है वह पेज इस पेज से रिलेटेड है या भी नहीं वह सिर्फ सिमिलर वर्ड होने पर लिंक कर देता है।
इस आर्टिकल में बताया गया है की इंटरनल लिंकिंग क्या होता है इसके बेनिफिट्स क्या क्या है और कैसे किया जाता है।
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