white hat seo और black hat seo क्या है
Black Hat SEO और White Hat SEO Kya hai: हम सभी जानते है की हर काम को करने के दो तरीके होते है पहला सही तरीका और दूसरा गलत, ठीक वैसे ही SEO करने के भी दो तरीके होते है एक जिसमे सही तरीके से काम किया जाता है और दूसरा गलत तरीके से काम होता है।
जब सही तरह से यानि Search engine के नियम से अनुसार content Optimize किया जाता है तो इसे हम white hat seo कहते है जब यही काम गलत तरीके किया जा रहा होता है तो इसे black hat seo के नाम से जाना जाता है।
इस आर्टिकल में हम जानेंगे की black Hat SEO और White Hat SEO आखिर ये दोनों होते क्या है Practical world यानि real life में क्या black hat seo का उपयोग किया जाता है तो इसके बारे में भी हम स्टेप बाय स्टेप जानने वाले है।
Black Hat SEO और White Hat SEO क्या होता है
white hat seo और black hat seo क्या है |
What is White Hat SEO in Hindi: इसे दो और नामों से भी जाना जाता है पहला 'Ethical SEO' और दूसरा 'Organic SEO' है जब natural तरीके से काम किया जाता है सर्च इंजन के guide lines के अनुसार इसके बताए गए नियम के विरुद्ध काम ना करके बिल्कुल सही तरीके से काम करके अपने website और web pages को rank कराने की कोशिश करते है तो इसे हम white hat seo के नाम से जानते है।
What is Black Hat SEO in Hindi: इसे 'unethical seo' के नाम से जाना जाता है जब कभी हमारे द्वारा search engine के बताये rules के विरुद्ध कंटेंट ऑप्टिमाइज़ किया जाता है तो इसे हम Black Hat SEO कहते है।
जब हम इस technique का use करते है तो इसका एक नुकसान यह भी हो सकता है की सर्च इंजन द्वारा वेबसाइट को ब्लैक लिस्ट भी किया जा सकता है।
ऐसा होने पर हमारा ही बहुत बड़ा नुकसान हो सकता है search engine results page जिसे हम SERP कहते है में हमारे साइट या वेबपेज को दिखाया नही जायेगा इसलिए इस तरह के कार्य से हमेशा बचने की कोशिश करे।
बहुत सारे इंटरनेट यूजर के मन में यह सवाल भी आता है की white hat seo और black hat seo क्या ये दोनो seo के ही प्रकार है या फिर ये सिर्फ इसकी techniques है तो इसका भी जवाब आपको यहाँ मिल ही गया।
strategy के bases पर या techniques के bases पर अगर seo को दो भागो में डिवाइड किया जाये तो हम देखते है की ये दोनों ही इसके काम करने के तरीके ही है।
अब हम इसके दोनों टेक्निक्स के बारे में step by step जानने वाले है की यह किस तरह से content को customize करने का कार्य किया जाता है।
White hat SEO techniques
इसका main focus यह होता है की human audience को ध्यान में रख कर ऑप्टिमाइजेशन का काम किया जाता है यूजर को उसके query के अनुसार ही best relevant रिजल्ट मिले इसका विशेष ध्यान रखा जाता है।
कई बार ऐसा होता है की creator अपने कंटेंट में कीवर्ड तो अच्छे रखते हैं पर उसके कंटेंट में वह रिजल्ट होता ही नही है जो यूजर देखना चाह रहा है।
ऐसे में यूजर कभी satisfy नही होगा और जब यूजर को सही रिजल्ट नही मिल पायेगा तो वह कभी नही चाहेगा की आपके साइट पर दुबारा विजिट करे।
तो इस technique में हम step by step जानेंगे की किन किन पॉइंट्स को ध्यान में रखकर काम किया जाता है।
01. Content optimization: सर्च इंजन के बताये नियम के अनुसार ऑप्टिमाइज़ किया हुआ कंटेंट सर्च इंजन के साथ साथ यूजर को भी जल्दी समझ में आ जाता है।
यह एक प्रोसेस है जिसमे web page को सर्च इंजन के साथ साथ यूजर के समझने योग्य भी बनाया जाता है इसके लिए अच्छे keyword research करके इन कीवर्ड्स को वेबपेज के URL में, page title में, image में, meta tag में, शामिल करते है।
आगे हम एक SEO Friendly URL और Image Optimization के साथ साथ SEO Friendly Title कैसे बनाये इसके बारे में भी बात करने वाले है।
कंटेंट का सही ऑप्टिमाइजेशन होने पर इसे crawler द्वारा अच्छे से क्रॉल कर लिया जाता है जिससे इनकी indexing भी सही तरीके से हो पाती है जिससे की सर्च इंजन द्वारा इन pages को search results page में अच्छे से दिखया जाता है।
02. Quality Content: कंटेंट लिखते समय हमेशा ध्यान रखे की क्वालिटी कंटेंट ही हो किसी दूसरे साइट से कॉपी किया हुआ इमेज या टेक्स्ट बिल्कुल भी ना हो, हमेशा अपना एक यूनिक कंटेंट ही क्रिएट करे ताकि duplicate content वाली issues से बचा जा सके।
03. Relevant Internal Links: कंटेंट क्रिएट करते समय यह जरूर ध्यान रखे की जिस टेक्स्ट में लिंक ऐड किया जा रहा है वह एक रिलेवेंट लिंक ही हो, इससे यूजर आपके दूसरे पेज पर भी जायेगा।
नए यूजर के मन में एक सवाल यह आता ही है की Internal links क्या होता है ये वो लिंक्स होते है जो एक ही website के एक पेज से दूसरे पेज में जाने के लिए किसी टेक्स्ट पर लगाया जाता है।
अभी www.ldkalink.com पर आप जिस आर्टिकल को पढ़ रहे है इसमें भी कई सारे internal links ऐड किया गया है जो यूजर को इस blog के दूसरे पेज पर ले जाता है ये text नीले कलर में दिखाई दे रहा होगा।
04. Relewant strong Backlinks: जब एक साइट के लिंक को दूसरे दूसरे वेबसाइट पर ऐड किया जाता है ताकि दूसरे साइट पर आने वाले विजीटर्स आपके blog या website तक आसानी से पहुंच सके इसे ही Backlinks कहा जाता है।
अभी आपने Backlinks क्या है इसके बारे में जाना है लेकिन अब हम relewant Backlinks को भी समझने का प्रयास करते है।
किसी साइट के लिंक को किसी दूसरे ऐसे साइट से लिंक करना चाहिए जिसके कंटेंट मिलता जुलता हो और साथ ही जिस भी वेबसाइट से लिंक किया जा रहा है।
वह एक पापुलर वेबसाइट भी हो जिसमे लाखो लोग रोजाना विजिट करते हो क्यों की हजार low quality Backlinks से अच्छा है की एक high quality Backlinks हो।
यदि हम ब्लॉगिंग टिप्स वाले वेबसाइट को movie वाले वेबसाइट से लिंक कर देते है तो जो विजिटर मूवी वाले साइट पर आयेंगे क्या वे ब्लॉगिंग टिप्स वाले साइट पर आना पसंद करेंगे, कभी नही आयेगा क्यों की वह मूवी सर्च कर रहा है तो ब्लॉगिंग टिप्स से उसे कोई मतलब नही होगा।
इसलिए Backlinks create करते समय यह जरूर ध्यान दे की जिस साइट पर लिंक ऐड किया जा रहा है उसका Dmain authority और page authority क्या है जिससे एक सही Backlinks बनाया जा सके।
05 Sitemap: यह किसी भी वेबसाइट का एक map की तरह होता है जो हमे बताता है इस साइट पर क्या क्या पोस्ट किया गया है इन सारे पोस्ट किये हुए pages के लिंक एक लिस्ट के रूप में होता है।
यदि आप ध्यान दिए होंगे तो आप देखेंगे कि इस blog पर भी एक sitemap का पेज है इस पर क्लिक करके आप इस ब्लॉग के सारे पोस्ट को एक साथ देख सकते है अब आप अच्छे से जान गए होंगे की आखिर sitemap क्या है।
06 Technical Aspects: इसमें हम अपने वेबसाइट पर होने वाले issues को ठीक करने का प्रयास करते है जैसे की वेबसाइट की स्पीड ताकि कोई यूजर साइट पर आता है तो कुछ ही सेकंड में पूरा पेज ओपन हो जाना चाहिए।
यूजर को कोई भी चीज ढूंढना न पढ़े एक नजर में ही सब दिख जाना चाहिए इस तरह से ऑप्टिमाइज करना होता है।
07 Better user experience: White hat seo का मुख्य फोकस यह होता है की अगर कोई यूजर इस साइट पर आता है तो वह satisfy हो।
उनको यह कभी नही लगाना चाहिए की इसमें कंटेंट सही नही है जो कीवर्ड यूजर द्वारा सर्च किया गया है उसी से रिलेटेड कंटेंट साइट पर होना ही चाहिए।
तभी वह आपके ब्लॉग पर दुबारा आना चाहेगा इससे user का experience better होता है और वह ज्यादा समय तक आपके साइट पर रहेगा।
Black hat SEO techniques:
जब गलत तरीके से किसी website या web page को रैंक कराने की कोशिश की जाती है और ऐसा करने के लिए जिस techniques का उपयोग किया जाता है इसे black hat seo techniques कहा जाता है अब इसमें क्या क्या तरीका अपनाया जाता है इसे हम one by one समझने वाले है।
01 keyword stuffing: किसी कंटेंट में एक ही keyword को बार बार यानी हर लाइन में इसे use करना यह एक तरह से keyword stuffing कहलाता है।
इसे एक उदाहरण से समझते है मान लेते है micro niche क्या है इस कीवर्ड पर एक आर्टिकल लिखा जा रहा है और यह 100 words में लिखा गया है।
इस पूरे 100 वर्ड में 30 वर्ड micro niche ही लिखा हुआ है यानि 30% इस वर्ड को use किया गया है यह एक तरह से keyword stuffing कहलाता है।
जब कोई यूजर आपके इस तरह के आर्टिकल को पढ़ता है तो वह कही न कही पढ़ते टाइम अजीब फील करने लगता है क्यों की एक ही वर्ड बार बार आते रहता है तो इस तरह के कीवर्ड का कोई फायदा नही जिससे यूजर सेटिस्फाई ना हो पाए।
इसलिए हमेशा कोशिश करे की पूरे आर्टिकल में 2 या 3% ही अपने मैन कीवर्ड को नेचुरल तरीके से उपयोग हो, न की बार बार इसका उपयोग किया जाए।
02 Duplicate content: जब हम किसी दूसरे वेबसाइट के कंटेंट को copy करके अपने वेबसाइट में paste कर देते है या फिर किसी तरह से पैराफ्रेसिंग करते है तो यह एक duplicate content कहलाता है।
यह black hat seo का ही एक पार्ट है इसलिए हमेशा यूनिक और क्वालिटी कंटेंट पर ही फोकस करना चाहिए और डुप्लीकेट कंटेंट से हमेशा बचना चाहिए।
03 Cloaking: इस वर्ड का मतलब यह है की बाहर से कुछ और दिखना पर अंदर से कुछ और ही रहना, यानि हम ये कह सकते है की कुछ छुपाया जा रहा है।
जैसे की web page पर content कुछ और लिखा गया है पर crawler को कुछ और content के keyword को दिखाया जा रहा है इसे हम cloaking कहते है।
इसमें कई तरह के cloaking शामिल होते है जैसे की HTML, java script, client server पर ध्यान दे की इन सभी चीजों को कभी भी फॉलो नही करना है क्यों की इस तरह की techniques उपयोग करने पर आपका साइट ब्लैक लिस्ट भी हो सकता है ऐसा होने पर अपना ही बहुत बड़ा नुकसान हो सकता है।
04 Hidden text and links: यदि आपके वेबपेज का background white रखा है और आपने व्हाइट टेक्स्ट से ही कुछ एक्स्ट्रा वर्ड अपने आर्टिकल में शामिल किए हुए है और इनमे कुछ लिंक भी लगाया गया है तो इसे ही Hidden text and links कहा जाता है।
ऐसा करने पर यूजर को ये वर्डस तो दिखाई नही देगा पर crawler को ये वर्डस जरूर दिखाई देगा और आप सोच रहे होंगे की ऐसा करने पर आप first page में रैंक कर जायेंगे तो ऐसा बिल्कुल भी नही हो सकता है।
कुछ समय पहले यह तरीका बहुत ज्यादा अपनाया जाता था पर समय के साथ जब google algorithms आते गए तो इस तरह के टेक्नीक्स को black hat seo में गिना जाने लगा।
05 link spamming: कभी कभी ऐसा भी होता है ही हमारे ना चाहते हुए भी हमारे mail पर बहुत ज्यादा मात्रा में विज्ञापन के लिंक्स आने लगते है और ये सभी लिंक्स किसी के द्वारा हमारे मेल पर भेजा जाता है इसे लिंक स्पैमिंग कहा जाता है।
कुछ समय पहले इस तरह में मैसेज सिर्फ विज्ञापन के लिए ही सेंड किया जाता था पर इसका उपयोग अब गलत तरीके के लिए भी किया जा रहा है जैसे की किसी के साथ धोखा धाड़ी करने के लिए भी सेंड कर दिया जाता है।
तो हमें कभी भी किसी तरह का कोई लिंक स्पैमिंग नहीं करना है क्यों की यह एक black hat seo टेक्निक में काउंट होने लगता है।
06 link farming: इसका मुख्य उदेस्य किसी वेबसाइट की लिंक की popularity को बढ़ाने के लिए किया जाता है इस तरह के तरीके को ना अपनाये तो ही बेहतर है एक नेचुरल तरीके से अपने साइट की रैंकिंग बढ़ाने की कोशिश करे।
अब हम सबसे इंपोर्टेंट सवाल की बात करने वाले है की क्या real life में भी black hat techniques का use किया जाता है।
इसका जवाब यह है की जब भी practical work किया जाता है तो हम पूरा कोशिश करते है की white hat techniques का ही use करे।
लेकिन कई बार ऐसे क्लाइंट भी आपके पास आयेंगे जिन्हे fast results चाहिए होगा वह भी organic traffic से ही बिना paid ads के, क्यों की उनके पास अभी इतना पैसा नही होता है की एड्स के लिए पैसा दे पाए।
तो ऐसे में भी हमे white hat techniques का ही उपयोग करना चाहिए लेकिन कई लोग 1 या 2% black hat techniques का उपयोग करते है।
लेकिन ऐसा करने में जो line create होती है की कितना प्रतिशत black hat को अपनाया गया है तो यहां पर इसका पता लगा पाना बहुत ही मुस्किल काम होता है।
यदि आप एक फ्रेशर है तो आपको इसका उपयोग बिल्कुल भी नही करना चाहिए क्यों की ऐसा करने पर आपके वेबसाइट या आपके क्लाइंट के वेबसाइट को बहुत बड़ा नुकसान झेलना पढ़ सकता है जैसे जैसे आप इस पर काम करते जायेंगे आपका experience भी बढ़ते ही जायेगा।
what is Gray hat techniques in Hindi
Grey hat techniques क्या है: जब हम white hat techniques का 95% तक और black hat techniques का 5% तक use करते है तो ये दोनो मिलकर ही एक gray hat techniques बन जाता है।
आज ज्यादातर practical world में grey hat techniques का इस्तेमाल किया जा रहा है लेकिन यह भी ध्यान रखे की कब यह black hat में बदल जायेगा आपको पता भी नही चलेगा।
इसलिए काफी सालों का यदि आपको इस पर काम करने का experience है तभी आप black hat techniques का उपयोग करे, अगर नहीं है तो again आपको यही सलाह दी जाती है की आप white hat techniques का ही उपयोग करते रहे।
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