shared hosting क्या है - ldkalink

shared hosting क्या है: सबसे पहले हमें वेब होस्टिंग के बारे में जानना जरूरी होता है कि वेब होस्टिंग क्या होता है होस्टिंग कितने प्रकार के होते हैं और इसका उपयोग क्यों किया जाता है और किस तरह से किया जाता है।

वेब होस्टिंग के प्रकार में से शेयर्ड होस्टिंग भी इसके प्रकार में शामिल होता है जो आज के इस आर्टिकल में www.ldkalink.com पर हम विस्तार से इसे समझने वाले हैं।


shared hosting क्या है उदाहरण (example) नुकसान/disadvantages फायदे/benefits
shared hosting क्या है


जैसे कि इसके नाम से ही स्पष्ट है शेयर्ड होस्टिंग इसमें शेयर्ड शब्द का नाम आपने पहले भी सुना ही होगा शेयर्ड का मतलब होता है कि एक चीज कई लोगों में बटा हुआ और होस्टिंग का मतलब होता है की वेबसाइट के फाइल को किसी सर्वर पर अपलोड करना।

अतः शेयर्ड होस्टिंग का मतलब यह है कि एक सर्वर पर कई सारे यूजर्स का वेबसाइट रन होते रहता है अब इसे हम विस्तार से समझेंगे कि shared hosting kya hota hai. या shared hosting किसे कहते है। 

इसके नुकसान और फायदे क्या-क्या है कब हमें शेयर्ड होस्टिंग लेना चाहिए किस परिस्थिति में हमें इसे अपने वेबसाइट के लिए यूज करना चाहिए इन सारी बातों का जवाब आपको आज के इस आर्टिकल में मिलने वाला है।

शेयर्ड होस्टिंग क्या है/what is shared hosting in Hindi


"शेयर्ड होस्टिंग में एक मैन सर्वर के एक हिस्से को सर्वर बना दिया जाता है जिसमें कई सारे वेबसाइट होस्ट होते हैं" इस तरह से एक मैन सर्वर को कई हिस्से में बाटकर इसे एक अलग अलग सर्वर बना दिया जाता है और इस अलग-अलग सर्वर पर कई सारे वेबसाइट को रन कराया जाता है।

shared hosting को उदाहरण (example) से समझे


मान लेते हैं कि एक बिल्डिंग है और इस बिल्डिंग में कई सारे फ्लैटस है यदि कोई व्यक्ति इस बिल्डिंग में एक फ्लैट खरीदना चाहता है पर उसके पास पर पर्याप्त पैसा नहीं होता है।

वह चाहता है कि कम पैसे में ही उसे फ्लैट मिल जाए इसके लिए वह अपने पांच दोस्त के साथ मिलकर एक फ्लैट को लेता हैं और इस फ्लैट में पांच लोग रहने लगते हैं।

जब इन पांच दोस्तों के द्वारा फ्लैट खरीद लिया जाता है तो इसमें पांचो का हिस्सा बराबर बराबर होता है क्योंकि इन्होंने बाय करते समय बराबर हिस्से में पैसा लगाया था।

इस तरह से इस फ्लैट को खरीदने के बाद इसमें किसी एक व्यक्ति का इसमें पूरा हक नहीं होता है यदि इसमें से किसी व्यक्ति द्वारा यह चाहा जाता है कि इस फ्लैट को अपने तरीके से मैनेज करें तो यह पॉसिबल नहीं होता है क्योंकि यह एक शेयर्ड फ्लैट होता है यानी एक फ्लैट में पांच लोग रह रहे है जो की यह सभी में बटा हुआ है।

अब यदि किसी व्यक्ति द्वारा इस फ्लैट में अपने अनुसार कोई चीज मैनेज करना चाहता है यानी कोई बदलाव इसमें करना चाहता है तो वह अपने अनुसार कुछ भी चीज नहीं कर सकता है क्योंकि यह एक शेयर्ड बिल्डिंग है और इसमें पांच लोग मिलकर रह रहे हैं।

ठीक इसी तरह से ही एक में सर्वर को अलग-अलग कई भागों में बांट दिया जाता है और इसके प्रत्येक भाग को एक सर्वर बना दिया जाता है और प्रत्येक सर्वर में कई सारे यूजर यानी उनकी वेबसाइट को होस्ट कर किया जाता है।

इतना पढ़ने के बाद अब आप शेयर्ड होस्टिंग के बारे में जान गए होंगे कि आखिरकार शेयर्ड होस्टिंग क्या होता है शेयर्ड होस्टिंग दूसरे होस्टिंग की अपेक्षा बहुत सस्ता होता है सस्ता होने का कारण यह है कि इसमें एक सर्वर में कई सारे वेबसाइट रन कराए जाते हैं साथ में इसमें प्राइवेसी और रेसौर्सेस भी कम होती है।

इसलिए यह हमें कम पैसे में ही उपलब्ध हो जाता है पर इस होस्टिंग में हमें पूरा कंट्रोल नहीं मिल पाता है इसे अपने तरीके से पूरा मैनेज नहीं कर पाते है और इसमें का आधा से ज्यादा काम होस्टिंग कंपनी के द्वारा किया जाता है।

इसमें हम अपने अनुसार कोई भी ऑपरेटिंग सिस्टम या सॉफ्टवेयर इंस्टॉल नहीं कर सकते हैं क्योंकि इसमें हमारा पूरा हक नहीं होता है इसमें बस एक स्पेस दे दिया जाता है कि आप अपने वेबसाइट को इसमें होस्ट कर सकते हैं यानि वेबसाइट के डाटा को इसमें सेव करके रख सकते है।

शेयर्ड होस्टिंग में जहां एक ओर इसके फायदे भी होते हैं वहीं दूसरी शेयर्ड इसके नुकसान भी देखने को मिलता है जैसे कि आप सभी जानते हैं कि हर किसी वस्तु का एक तरफ जो फायदा देता है वह दूसरी तरफ नुकसान भी दे सकता है ठीक वैसे ही सेट होस्टिंग में भी होता है जिसके बारे में अभी हम जाने वाले हैं।

सब होस्टिंग के फायदे/benefits of shared hosting


  • शेयर्ड होस्टिंग का सस्ता होना - इसका सबसे बड़ा फायदा यह होता है कि हम बहुत कम पैसे में ही एक होस्टिंग खरीद सकते हैं और अपना वेबसाइट क्रिएट कर इसे पब्लिश कर सकते हैं शेयर्ड होस्टिंग का सस्ता होने का कारण यह है कि इसमें एक सर्वर पर कई सारे वेबसाइट होते हैं और इस सर्वर पर हमारा पूरा कंट्रोल नहीं होता है।
  • शेयर्ड होस्टिंग में मेहनत कम करना पढ़ता है - शेयर्ड होस्टिंग में हमें ज्यादा कुछ भी मैनेज करना नहीं पड़ता है क्योंकि इसमें आधा काम पर होस्टिंग कंपनी द्वारा ही कर दिया जाता है।
  • शेयर्ड होस्टिंग को दूसरे होस्टिंग में ट्रांसफर कर पाना - शेयर्ड होस्टिंग में यहां सुविधा होती है कि जरूरत पड़ने पर इसे दूसरे होस्टिंग में ट्रांसफर कर सकते हैं अब सवाल यहां आता है कि आखिर शेयर्ड होस्टिंग को दूसरे होस्टिंग में क्यों ट्रांसफर करना पड़ता है।
कभी-कभी ऐसा होता है की शुरुआत में हमे अपने वेबसाइट पर ज्यादा ट्रैफिक नहीं मिल पाता है और अपने वेबसाइट को शुरुआत करने के लिए कम पैसे में ही शेयर्ड होस्टिंग खरीद कर इसे चलाते रहते हैं लेकिन जैसे-जैसे समय बीतता जाता है वेबसाइट पर ट्रैफिक आने लगता है ज्यादा ट्रैफिक के आने पर वेबसाइट को मैनेज करना थोड़ा मुश्किल होता जाता है।

वेबसाइट की स्पीड स्लो हो जाती है तब हमें एक नए होस्टिंग की जरूरत होती है जिसे ज्यादातर वीपीएस होस्टिंग या डेडिकेट होस्टिंग में ट्रांसफर कर दिया जाता है।

शेयर्ड होस्टिंग के नुकसान/disadvantages of  shared hosting


जहां एक ओर शेयर्ड होस्टिंग के कई सारे फायदे दिखाई देते हैं वहीं दूसरी ओर इसके नुकसान भी हो सकता है हम सभी जानते हैं कि शेयर्ड होस्टिंग में एक सर्वर होता है जिसमें कई सारे वेबसाइट होस्ट रहते हैं ।

  • shared hosting में वेबसाइट का स्लो हो जाना - अब यदि किसी दूसरे वेबसाइट पर ज्यादा ट्रैफिक आने लगता है तो इसका प्रभाव हम अपने वेबसाइट पर भी देखते हैं क्योंकि यह सारे वेबसाइट एक ही सर्वर पर होते हैं तो दूसरे वेबसाइट पर यदि ट्रैफिक ज्यादा आता है तो उसका प्रभाव से हमारे वेबसाइट भी स्लो होने लगता है और इसका प्रभाव हम अपने वेबसाइट पर भी देखते हैं हमारा वेबसाइट भी स्लो कार्य करने लगता है इसमें कई सारे वेबसाइट के होने से दूसरे वेबसाइट से मालवेयर के आने की संभावना ज्यादा होती है इस तरह से हमारे वेबसाइट को भी खतरा हो सकता है।
  • shared hosting में वेबसाइट का स्लो हो जाना - यदि किसी कंडीशन में दूसरा वेबसाइट हैक होता है तो इस कंडीशन में हमारे वेबसाइट को भी नुकसान होने का खतरा होता है क्यों की एक ही सर्वर पर कई सारे वेबसाइट चलते रहते है।
  • shared hosting में privacy का कम होना - इसकी प्राइवेसी की अगर बात करें तो यह दूसरे होस्टिंग की अपेक्षा इसमें कम प्राइवेसी तथा रिसोर्सेस भी कम होती है और इस होस्टिंग में हमारा पूरा कंट्रोल नहीं होता है।

शेयर्ड होस्टिंग से जुड़े कुछ जरूरी सवालों के बारे में भी अब जान लेते हैं ताकि हमारे मन में जो इस होस्टिंग से रिलेटेड सवाल होते हैं उनका जवाब हमें इसी आर्टिकल में मिल जाए।

शेयर्ड होस्टिंग का उपयोग कब करना चाहिए ?

यदि आप अपने बिजनेस को ऑनलाइन लाना चाहते हैं और आप सोचते हैं कि आपका एक वेबसाइट हो तो यहां पर आपको एक शारद होस्टिंग की जरूरत पड़ सकती है क्यों की स्टार्टिंग में हर कोई नया होता है और जब तक इस फील्ड में उनका knowledge बढ़ नहीं जाता है इस स्थिति में आप इस होस्टिंग का चयन कर सकते है।  

शुरुआत में आप कम पैसे में ही शेयर्ड होस्टिंग खरीद कर अपना वेबसाइट बनाकर इसकी सहायता से अपने बिजनेस को ऑनलाइन ला सकते हैं क्यों की शुरुआत में वेबसाइट में ट्रैफिक आना संभव नहीं होता है और इस तरह से ब्लॉग में ट्रैफिक कैसे बढ़ाये इसके बारे में सभी सोचने लगते है।   

शेयर्ड होस्टिंग क्यों सस्ता होता है ?

शेयर्ड होस्टिंग इसलिए सस्ता होता है क्योंकि इसमें एक सर्वर पर कई सारे वेबसाइट रन होते हैं प्राइवेसी और resources भी कम होती है दूसरे होस्टिंग की अपेक्षा इसमें सुविधाएं कम होती है।

शेयर्ड होस्टिंग को दूसरे होस्टिंग पर क्यों ट्रांसफर किया जाता है।


जब वेबसाइट पर ज्यादा ट्रैफिक आने लगता है तो हमें इसे अच्छे से मैनेज करने के लिए इसे किसी दूसरे अच्छे वेब होस्टिंग पर ट्रांसफर करना पड़ जाता है ज्यादा ट्रैफिक आने से वेबसाइट धीमी लोड होने लगती है।

जब हमारे साइट के पेजेज अगर धीरे लोड होने लगेंगे तो कोई भी यूजर नहीं चाहेगा की वह पेज ओपन होते तक वेट करे इससे यूजर एक्सपेरिएंस अच्छा नहीं रहता और वेब दुबारा इस साइट पर भी नहीं आना चाहता है इस सबसे बचने के लिए हमें एक अच्छे होस्टिंग की जरूरत होती है।  


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