motivational story in Hindi मुसीबत में साथ होना - ldkalink
motivational story in Hindi मुसीबत में साथ होना: यह प्रेरणादायक कहानी (prernadayak kahani) एक ऐसे गांव की है जहां रहने वाले लोग मुसीबत में एक दूसरे का सहारा बनते थे।
motivational story in Hindi मुसीबत में साथ होना
यह कहानी एक ऐसे गांव की है जहा गांव में रहने वाले लोग एक दूसरे का सहायता करते हुए जीने का एक साधन ढूंढते थे इस गांव में रहने वाले हर एक व्यक्ति में एक दूसरे के प्रति एक अलग ही लगाओ देखने को मिलता था।
motivational story in Hindi |
यदि किसी व्यक्ति के ऊपर कोई आपत्ति आई थी तो दूसरा व्यक्ति भी उसकी सहायता करने पहुंच जाते थे दूसरे के दुख को अपना दुख समझना और सब की खुशियों में शामिल होना वहा रहने वाले लोगो के में एक अलग ही स्वभाव था।
अकेले लड़ने की ताकत हर एक व्यक्ति में होती है पर इस तरह का जीवन जीना बहुत मुस्किल और संघर्ष पूर्ण भी होता है लेकिन एक साथ मिल जुलकर रहना, मुसीबत में एक दूसरे का सहायता करना एक अलग ही जीवन को खुशी देता है।
एक समय की बात है जब इस गांव में एक नया व्यक्ति रहने को आया था इनका नाम रामकृष्ण था यह व्यक्ति बहुत ही निराश होकर निराशाजनक स्थिति में अपने गांव को छोड़कर इस गांव में प्रवेश किया था।
यह व्यक्ति इसी गांव के पास वाले गांव में रहता था और वह इस गांव के बारे में काफी सुना था कि यह गांव बहुत ही अच्छा है और एक दूसरे के काफी मदद करते हैं मदद की उम्मीद से ही वह यहां रहने आया हुआ था।
यह आदमी कुछ बीमारियों से ग्रस्त था और अपनी परिवार को सही तरीके से पालन पोषण ना कर पाना इससे बहुत परेशान रहता था कई सारे दिक्कतों का सामना इन्हे खुद ही संभालना पड़ता था।
इस गांव में आने का उनका सिर्फ एक ही उद्देश्य था कि वह अपना आगे का जीवन खुशी से बिता सके, इन गांव वालों के साथ में एक नए जीवन की शुरुआत बहुत अच्छे से कर सके।
राम कृष्ण का व्यवहार बहुत ही अच्छा था वह हमेशा दूसरों की सहायता करने में अपनी खुशी समझता था और यही उनका कार्य गांव में आकर बसने के बाद सबके लिए एक प्रेरणा के रूप में उभर कर सामने आने लगा, ज्यादा से ज्यादा लोग इनको जानने लगे और इस तरह से वह अब इस गांव में आकर एक अलग ही पहचान बना लिया था।
एक समय की बात है जब गांव के मुखिया का बेटा ही अचानक बीमार पड़ गया और उनकी स्थिति काफी गंभीर होने लगी और इलाज के लिए पैसे की भी जरूरत पड़ने लगी लेकिन परिवार गरीब होने के कारण आर्थिक रूप से इनका इलाज करने में सक्षम नहीं थे।
जब राम कृष्ण को मुखिया के बेटे के इस बीमारी के बारे में पता चला तो वह तुरंत ही सहयोग करने के लिए उनके पास चले आए और अपना कुछ बचाया हुआ पैसा जो अपने परिवार को चलाने के लिए रखा था उनके इलाज में लगा दिया।
खुद सहयोग करने के साथ-साथ उन्होंने गांव वाले को भी यह अपील की इनको पैसे की जरूरत है और थोड़ा-थोड़ा पैसे आप सब लोग भी इनका सहयोग करें ताकि इनका इलाज सही तरीके से हो सके इस तरह से उनके गरीब परिवार को एक सहारा मिला और वह बीमार व्यक्ति भी स्वस्थ होने लगा।
राम कृष्ण को नया गांव मिलने के बाद में वह बहुत खुश था और उनकी भी परेशानी कम होने लगी क्योंकि वह जिस तरह से दूसरों की सहायता करता था उसे भी वहीं सहारा मिलने लगा था जो उसके पहले वाले गांव में नहीं मिल पाता था यहां आकर वह आज बड़ा सुखी से ही अपना जीवन व्यतीत कर रहा था।
गांव में प्रत्येक व्यक्ति का एक दूसरे का सहारा बने रहना ही इस गांव की सबसे बड़ी ताकत थी अगर कोई समस्या किसी के ऊपर आई थी तो वह समस्या सबके लिए होती थी और इस समस्या का निपटारा भी सब लोग एक साथ मिलकर करते थे इसलिए इस गांव में रहने वाले प्रत्येक व्यक्ति का जीवन खुशहाली से भरा हुआ था।
इस कहानी से हमे यह सिख मिलती है कि अगर कोई व्यक्ति मुसीबत में है और हम उसकी मदद कर देते हैं तो वह व्यक्ति उस सहायता को हमेशा याद रखता है और वही सहायता जरूरत पड़ने पर वापस लौटकर आती है।
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