Inspirational story in Hindi बुरी आदतें कैसे छोड़े - ldkalink
Inspirational story in Hindi बुरी आदतें कैसे छोड़े: यह प्रेरणादायक कहानी हमें हमारी बुरी आदतें कैसे छोड़ा जाये, की शिक्षा देती है यह Hindi kahaani एक ऐसे टॉपिक पर है जो हमें बुरी आदतों से बचाती है।
क्योंकि अक्सर यह देखा जाता है कि हर किसी व्यक्ति में कुछ न कुछ बुराई होती है जो समय के साथ साथ बढ़ती जाती है।
व्यक्ति उस बुरी आदत को अगर छोड़ना भी चाहे तो वह छोड़ नहीं पता है यदि कोई व्यक्ति उसे समझाए तो भी वह समझने को तैयार नहीं होता है।
और वही गलती बार-बार दोहराते रहता है यह मोटिवेशनल स्टोरी उन सारे बच्चों (motivational story for kids/children/students) के लिए है जिनमें कुछ कुछ बुरी आदतें होती है और जो मना करने के बाद में भी उन्हें यह बात समझ नहीं आती है।
Inspirational story in Hindi बुरी आदतें कैसे छोड़े |
बुरी आदतें जैसे की जैसे की खाना खाते हुए मोबाइल को देखते रहना, रोज स्कूल न जाना, होमवर्क ना करना, माता पिता के बात का ना मानना, समय पर घर ना आना, नशीले चीजों का सेवन करना आदि।
लेकिन इन बुरी आदतों को समय पर अगर नहीं छोड़ा जाए, तो यही छोटी-छोटी बुरी आदतें एक दिन बड़ा रूप ले लेती है तो इन बुरी आदतें को किस तरह से छोड़ा जाये इसके लिए एक मोटिवेशनल स्टोरी आपके लिए लेकर आए है।
तो आज के इस आर्टिकल में www.ldkalink.com पर हम बुरी आदत को कैसे छुड़ाएं इस मोटिवेशनल स्टोरी को एक हिंदी कहानी के रूप में लेकर आये है।
Inspirational story in Hindi बुरी आदतें कैसे छोड़े
यह कहानी एक 10 साल के लड़के की है जिनमें कई बुरी आदतें जैसे की नशीली चीजों (बीड़ी, सिगरेट, दारू, गुटका) का सेवन करना था यह बालक कम उम्र में ही पहले से ही इन चीजों का सेवन करने लगा था
जब वह छोटा था तब वह बहुत कम मात्रा में इन सब चीजों का सेवन करता था चुपके से, लेकिन जैसे जैसे उसकी उम्र बढ़ते गई वैसे-वैसे उसका इन चीजों से लगाव और बढ़ते गया।
1 दिन की बात है जब वह स्कूल से घर आया तब उसके माता-पिता उसके बैग में कई साड़ी नशीले चीजों को देखा माता-पिता सोच में पड़ गए की इतनी छोटी सी उम्र में यह सब चीज यह कैसे कर रहा है यह सब चीज जानने के लिए उन्होंने स्कूल में टीचरों से मिला और उसके बारे में पूछा।
टीचरो ने भी बताया की स्कूल समय पर नहीं आता है किसी दिन आता है किसी दिन नहीं आता है और ना ही या होमवर्क करता है उनका मन पढ़ाई में थोड़ा भी नहीं लगता है।
बाकी बच्चों की तरह इनको भी होम वर्क दिया जाता है पर यह कभी भी अपना होमवर्क करके नहीं आता है लगता है उनका मन अब अच्छे कार्य में लगता ही नहीं है।
यह सुनकर उनके माता-पिता काफी परेशान होते हैं और बच्चे को घर ले जाकर उसे समझाने की बहुत कोशिश करते हैं कि वह जो कर रहे हैं जो बुरी आदत उसमें है वह बहुत बुरी बात है यदि उसे समय पर न छोड़ा जाए तो यही छोटी-छोटी आदतें एक दिन बहुत बड़ा रूप ले लेगा।
माता-पिता के लाख समझाने पर भी वह बच्चा समझ नहीं पता है और वही दिनचर्या में रहने लगता है जो वह पहले से रहते आते रहता है बच्चों की इस तरह की बुरी आदतें को देखकर उनके माता-पिता काफी परेशान होते रहते है।
1 दिन की बात है जब उनके माता-पिता ट्रेन में सफर कर रहे होते हैं और जिस सीट पर बैठे होते हैं इस सीट पर एक नशीले पदार्थों का सेवन करते हुए एक छोटा बच्चा भी बैठा होता है और इसके सामने एक संत भी बैठे होते हैं।
संत गुरु जी बड़े प्यार से उस बच्चे को समझाते रहता है कि बेटा यह सब नशीली चीज करना बुरी आदत है यदि इसे समय पर ना छोड़ा जाए तो यह आपके लिए खतरनाक हो सकती है।
उस बच्चों को समझाते हुए देखकर उनके माता-पिता ने अपने बच्चों की कहानी भी उस संत को बताएं उस संत ने कहा घबराओ मत मै कुछ अलग तरीके से समझने की कोशिश करूंगा किसी दिन मैं तुम्हारे घर आता हूं।
1 दिन की बात है जब वह संत उस बचे के घर आया और उस बच्चे से मिला और समझाने लगा की यह तुम जो कर रहे हो वह गंदी आदत है बुरी आदत है इसे तुम्हें अभी ही छोड़ना होगा।
पर वह बच्चा थोड़ा जिद्दी होने के कारण उस संत की बात को भी नहीं सुनता था तभी संत ने इसे कुछ दूसरे तरीके से समझाने की सोची।
अब संत गुरूजी में उस बच्चे से कहा कल तुम मेरे साथ चलना मैं तुम्हें एक जगह दिखता हूं संत ने उस बालक को एक गार्डन पर ले गया जहां कई सारे पेड़ पौधे फूल थे।
संत ने उस बच्चे को एक छोटे से पौधे की ओर इशारा करते हुए कहा यह जो तुम पौधा देख रहे हो क्या तुम इस पौधे को उखाड़ सकते हो।
उस बच्चों ने बड़े मुस्कुराते हुए कहा गुरुजी यह पौधा तो बहुत छोटा है इसे तो मैं बहुत आसानी से ही उखाड़ के फेंक दूंगा।
ऐसा कहते हुए उस बच्चे ने उस पौधे को बड़ी आसानी से उखाड़ के फेंक दिया गुरुजी यह देखकर बहुत प्रसन्न हुए अरे वह तुम तो बहुत होशियार हो मेरे कहने पर इस छोटे से पौधे को बड़ी आसानी से उखाड़ के फेंक दिया।
अब गुरुजी ने कहा चलो मैं तुम्हें एक और दूसरा पौधा जो इसे थोड़ा सा बड़ा है की ओर लेकर चलता हूं गुरु जी ने पहले पौधे से थोड़ा सा बड़ा पौधा था उसको दिखाकर कहा जो पौधा देख रहे हो क्या तुम इस पौधे को पहले पौधे जैसे उखाड़ सकते हो।
लड़के ने फिर मुस्कुराते हुए जवाब दिया हां गुरुजी मैं इस पौधे को भी आसानी से उखाड़ सकता हूं अब वह उस दूसरे पौधे को भी उखाड़ने की कोशिश कर रहा था तो इसमें उसको पहले पौधे की अपेक्षा दूसरे पौधे को उखाड़ना थोड़ा सा कठिन लगा क्योंकि यह पौधा थोड़ा बड़ा था और इसकी जड़े जमीन से लग चुकी थी।
पर उस लड़के ने इस पौधे को भी उखाड़ लिया यह देख कर गुरूजी फिर बहुत खुश हुए और कहा अरे वह तुम तो बहुत होशियार हो तुमने यह काम भी आसानी से कर ही लिया।
ऐसा कहते हुए गुरु जी ने एक और बड़े पेड़ की ओर से लेकर गया और दूर से इशारा करते हुए कहा क्या तुम यह पेड़ देख रहे हो क्या तुम इसे भी उखाड़ सकते हो।
यह पेड़ बहुत बड़ा था जिसकी चढ़े नीचे तक फैल चुकी थी इसको उखाड़ना मुश्किल था पर उस बच्चे ने मुस्कुराते हुए गुरुजी को कहा कि मैं पहले की तरह इसे भी उखाड़ के फेंक सकता हु।
लेकिन जब उसने इस पेड़ को उखाड़ने की कोशिश की तो यह पेड़ थोड़ा भी नहीं हिला, इनकी जड़े जमीं में दूर तक फैल चुकी थी अब इसे उखाड़ना बहुत ज्यादा मुश्किल कार्य था।
उस बच्चे ने गुरु जी से पूछा मैं यह पेड़ नहीं उखाड़ सकता हूं और गुरुजी से प्रश्न करते हुए कहा कि आप मुझे क्या बताना चाह रहे हैं इस तरह से, जरा मुझे स्पस्ट समझने की कोशिश करे।
गुरुजी ने बड़े मुस्कुराते हुए उसके प्रश्न का उत्तर दिया मैं तुम्हें एक ज्ञान की बात बताना चाहता हूं जो तुम नहीं समझ पा रहे हो।
मैं यह बताने की कोशिश कर रहा हु की आपने जो पूरी आदतें है जैसे की नशीली चीजों का सेवन करना, किसी के बातको ना मानना, समय पर स्कूल न जाना, समय पर घर ना आना यह सब छोटे-छोटे आदतें एक बुरी आदतें है जो तुम्हें लग चुकी है।
अगर तुम इन बुरी आदतों को अभी नहीं छोड़ोगे तो ये धीरे-धीरे तुम एक दिन बहुत बड़े रूप में आपके सामने आ जायेगा और फिर तुम चाह कर भी अपने आप को नहीं बदल पाओगे।
तुम सोचोगे कि मैं ये सब बुरी आदत बड़ा होकर एक साथ छोड़ दूंगा तो यह बिल्कुल भी नहीं हो सकता है बुरी आदतें तब छोड़ी जा सकती है जब वह छोटा रूप में होता है लेकिन जब यही बुरी आदतें एक बड़ा रूप ले लेती है तो इसे छोड़ना बहुत मुश्किल हो जाता है।
गुरु जी के इन बातों से वह बच्चा बहुत ज्यादा खुश हुआ और उसे अपनी गलती का एहसास हो गया उसने गुरु जी से माफी मांगी कि वह अपनी सारी बुरी आदतें अब छोड़ देगा है क्योंकि वह अब समझ चुका था कि मेरी यह छोटी-छोटी बुरी आदत है एक दिन बड़ा रूप लेने वाला है।
इस तरह से गुरु जी ने अपने एक छोटे से प्रयास ने बच्चों की सारी पूरी आदतें छोड़वा दी, तो इस कहानी से हमें क्या शिक्षा मिलती है इसके बारे में अब हम जान लेते हैं।
moral (शिक्षा)
Inspirational story in Hindi बुरी के कैसे छोड़े: बुरी आदतों को अपने शुरुआत के दिनो में ही छोड़ा जा सकता है अपने कुछ प्रयासों से, लेकिन जब यही बुरी आदतें बड़ा रूप ले लेती है तो इसे छोड़ना बहुत मुश्किल होता है।
यह Hindi kahani हमें यह सिखाती है कि हमारी छोटी-छोटी बुरी आदत जो हमें नहीं पता होता है कि यह किस रूप में आगे चलकर बड़ा रूप में बदल जाएगी यदि हम बुरी आदतों को शुरुआत के दिनों में छोड़ दे तो शायद हम आने वाले कल को बेहतर बना सकते हैं।
यह कहानी सभी उन स्टूडेंट्स के लिए है जिनमें कुछ ना कुछ छोटी-छोटी बुरी आदतें होती है जो समय पर नहीं छोड़ पाते हैं।
आज के इस आर्टिकल में हमने एक छोटी सी कहानी के रूप में बुरी आदत कैसे छोड़े इसे एक एग्जांपल के रूप में समझा है।
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