खुद को पहचानो motivational story in Hindi - ldkalink
motivational story in Hindi खुद को पहचानो: आज के इस आर्टिकल में हम एक ऐसे प्रेरणादायक कहानी (prernadayak kahani) को आपके लिए लेकर आए हैं जो आपको आपके जीवन में हमेशा आगे बढ़ाने के लिए प्रेरित करता है।
यदि आप इस कहानी को समझ कर अपने ऊपर लागू करते हैं तो आपको यह आपकी सफलता (safalta) की ओर ले जाती है क्यों की आज के समय में हर एक व्यक्ति सफल (success) होना चाहता ही है और जीवन में सफलता पाने के लिए सफलता का रहस्य ढूंढने में लगा होता है।
यदि आप अपने अंदर छिपे कमजोरियों को पहचान लेते है तो आपको भी एक दिन निश्चित ही सफलता मिलती ही है अपने अंदर छिपी कमजोरी को ही दूर करने के लिए, आपको प्रेरित करने के लिए ही इस तरह की मोरल कहानी (moral story in Hindi) इस वेबसाइट पर लिखी जताई है।
खुद को पहचानो motivational story in Hindi |
तो चलिए अब हम खुद को पहचानो मोटिवेशनल स्टोरी को आगे बढ़ाते हुए इससे हमें क्या शिक्षा मिलती है इसके बारे में जानते हैं।
खुद को पहचानो motivational story in Hindi
बहुत समय पहले की बात है जब शेरनी द्वारा जंगल में एक बच्चे को जन्म दिया और जन्म के समय ही उसकी माँ मर जाती है।
इसी समय इधर से भेड़ों का एक झुंड गुजर रहा होता है शेरनी का बच्चा अकेले हो जाने के कारण वह भेड़ों को देखता है और वह जो अभी-अभी दुनिया में आया रहता है उन भेड़ों के साथ झुंड में चले जाता है।
शेरनी का बच्चा जो दुनिया में अभी-अभी कदम रखा था वह भेड़ों के साथ ही रहने लगता है और उनके साथ रहते रहते वह खुद को भी भेड़ समझने लगता है।
शेरनी का बच्चा भेड़ों की तरह ही कभी भी मांस नहीं खाना सीखा, क्योंकि वह हमेशा उनके साथ मिलकर रहा और जो वो खाया करते थे ठीक उसी तरह वह भी घास खाया करता था।
शेरनी के उस बच्चे को यह पता ही नहीं चल पा रहा था कि उसे एक शेर की तरह रहना चाहिए उसे तो यह भी नहीं पता चला था कि वह एक शेर है।
क्योंकि शेरनी का बच्चा जिस माहौल में रह रहा चूका था जहा उसके चारों ओर भेड़ ही भेड़ होते थे और वह भी भेंड़ की ही तरह रहना सीख गया था।
इतने दिन होने के बाद में भी वह कभी शेर की तरह दहाड़ ही नहीं लगाया, ऐसे ही समय गुजरता गया और शेर का बच्चा जो छोटा था वह अब एक जवान शेर बन गया।
जब वह जवान शेर भेड़ो की झुंड में रहता था तब वह बिल्कुल उस झुंड से अलग में दिखता था लेकिन भेड़ो के साथ रहने के कारण उसकी पूरी आदत भेड़ जैसे ही हो गई थी।
एक दिन जब भेंड़ो का झुण्ड जंगल की ओर जा रहा था तभी एक बूढ़े शेर की नजर इन पर पड़ी, तभी उसने झुंड में एक जवान शेर को भी देखा और देखने के बाद वह हैरान ही रह गया।
उस बूढ़े शेर ने आज तक ऐसा कभी नहीं देखा, कि भेंड़ो की झुंड में एक जवान शेर घूम रहा हो, उसे यह विश्वास ही नहीं हो रहा था यह सब कुछ देखने के बाद, वह अब यह भी भूल गया था कि वह भेंड़ो का शिकार करने आया था।
उसके मन में एक ख्याल आया कि क्यों ना उस जवान शेर से पूछा जाये कि आखिर वह क्यों उनके झुंड में घूम रहा है।
बूढ़े शेर को देखते ही सभी भेंड़ अपनी अपनी जान बचाने के लिए भागने लगे और इन भेंड़ो को भागते देख वह जवान शेर भी अपनी जान बचाकर भागने लगा।
पर उस बूढ़े शेर ने उस जवान शेर को पकड़ ही लिया और कहा, कि तुम क्या कर रहे हो यह तुम्हारी जगह नहीं है तुम एक शेर हो।
बूढ़े शेर ने जवान शेर को पकड़कर गुस्से में कहा, अरे बेवकूफ तुम क्यों मुझे देखकर इस तरह से भाग रहे हो तभी उस जवान शेर ने रोते रोते कहा, प्लीज मुझे छोड़ दो, मैं तो एक साधारण सा भेड़ हूं मुझे जाने दो मुझे मत मारो।
बूढ़े शेर को देखकर वह जवान शेर घबरा गया था उसे डर था कि कहीं उसे वह मर कर न खा जाए।
बूढ़ा शेर अब सब कुछ समझ गया था कि वह क्यों इस तरह से उनके साथ घूम रहा है तभी बूढ़े शेर ने उस जवान शेर को एक नदी के पास लेकर गया, पर यह जवान शेर डरे होने के कारण हमेशा भागने की कोशिश करता रहता था।
जैसे ही उसे नदी के पास लेकर गया, उस बूढ़े शेर ने चिल्लाते हुए कहा, सबसे पहले तुम अपने आप को इस पानी में देखो, नदी का पानी शांत होने के कारण उसमें चेहरा स्पष्ट दिखाई दे रहा था उसके बाद मेरे चेहरे को देखना।
उसने देखा कि वह एक भेड़ की तरह नहीं बल्कि एक शेर की तरह दिखता है अब उस जवान शेर को सब कुछ समझ आ गया था।
उसकी दहाड़ सुनने के लायक था, क्योंकि उसकी दहाड़ से पूरा जंगल गूंज गया इस तरह से उस जवान शेर ने अपने आप को पहचान लिया और फिर उसने अपने अंदर की एनर्जी महसूस की जो उसने पहले कभी फील नहीं की थी।
उस जवान शेर ने अब यह सोच लिया था की कि वह भेंड़ की तरह जी रहा है वह तो बस उनके साथ रहते रहते उसका मेंटल कॉन्सेप्ट ही वैसा बन गया था पर वह अपनी रियलिटी को अब जान चुका था की वह अब क्या है।
अब वह जवान शेर भी दूसरे शेरों की तरह अपना शिकार करता था और अपने आप को बहुत एनर्जी महसूस करने लगा था क्योंकि अब वह एक जंगल के राजा की तरह की रहा था।
खुद को पहचानो मोटिवेशनल कहानी का सार
खुद को पहचानो: इस कहानी से हमें यह शिक्षा मिलती है कि अपने अंदर के सारे वीकनेस, डर को निकाल कर, हमें अपनी योग्यता के बल पर अपनी पहचान बनाकर, एक शेर की तरह जीना चाहिए।
Tip: इस कहानी से हमें यह शिक्षा मिलती है कि आप भी उस जवान शेर की तरह है पर आप जिस माहौल में रह रहे हैं जो आपको आगे बढ़ने नहीं दे रहे हैं जो माहौल हमारे लायक नहीं है उन सारी चीजों से बाहर निकलकर आपको अपनी योग्यता के अनुसार आगे बढ़ते रहना चाहिए।
जब तक आप इस तरह के माहौल में रहते हो, तब तक आप कुछ अच्छा करने के लिए सोचते जरूर हो पर आप आगे नहीं पढ़ पाते।
अब आपको भी इन भेंड़ बकरियों से अलग रहकर अपनी पहचान खुद बनाना है, अपने आप को पहचानना है और जिस दिन आप अपनी योग्यता को पहचान लोगे, अपने अंदर के सारे डर को निकलकर फेक दोगे, ठीक उस शेर की तरह आप भी दहाड़ पाओगे।
कभी-कभी ऐसा होता है कि हम अपने आप को पहचान नहीं पाते हैं हम अपने आसपास के वातावरण में इस तरह से मिल जाये रहते हैं जो सामने वाले में दिखता है वही हममे भी नजर आता है।
यदि हमें कोई हमारी कमजोरी के बारे में बता रहा है कि यह आपके लिए सही नहीं है आपको अपने लाइफ में आगे बढ़ना चाहिए आप उनसे बहुत अलग हो तो इस चीज की आपकी पहचान बता रहा है तो ऐसे में आपको आपके अंदर की वीकनेस को पहचान कर, इसे दूरकर हमेशा आगे बढ़ते रहते का सोचना चाहिए और एक राजा की तरह जीना चाहिए।
आज के इस आर्टिकल को यदि आपने पूरा पड़ा होगा तो कहीं ना कहीं आप इस कहानी से मोटिवेट जरूर हुए होंगे, इस ब्लॉग पर मोटिवेशनल स्टोरी के रूप में कई तरह से आपको मोटिवेट किया जाता है।
जो आपको हमेशा आगे बढ़ाने के लिए प्रेरित करती है मोटिवेशनल स्टोरी से रिलेटेड कुछ और स्टोरी आपको नीचे बताया गया है यदि आपने यह नहीं पढ़ा है तो इसे एक बार जरूर रीड करें।
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