Motivational story in Hindi दूसरों की गलती से सीखो - ldkalink
Motivational story in Hindi दूसरों की गलती से सीखो: यह हिंदी कहानी (Hindi Kahani) एक ऐसे प्रेरणादायक (inspirational) कहानी में से एक है जो हमें अपने लाइफ में दूसरों की गलती से कुछ नया सिखाती है, और उस तरह के गलती करने से बचाती है।
यदि आप इस Prernadayak story को पूरा पढ़ते हैं तो आप दूसरों के द्वारा की जाने वाली गलती को देखकर, खुद के द्वारा होने वाली गलती से बचते हैं।
हमारे लाइफ में भी अक्सर यही होता है कि हम किसी दूसरे को गलती करते हुए तो देखते हैं और देखने के बाद भी वही गलती हम खुद करते रहते हैं।
Motivational story in Hindi दूसरों की गलती से सीखो |
तो आज के इस मोटिवेशनल कहानी में www.ldkalink.com पर एक उदाहरण से जानेंगे कि किस तरह से हमें दूसरी दूसरों की गलती से शिक्षा लेनी चाहिए।
यह कहानी उन बच्चो के लिए (for kids/student/children) बड़ो के के लिए है जो अक्सर दूसरे की गलती को देखते जरूर है लेकिन उससे कुछ सीख नहीं पाते हैं।
तो चलिए अब हमे इस कहानी को आगे बढ़ते हुए जानते हैं कि इससे हमें क्या शिक्षा मिलती है।
Motivational story in Hindi दूसरों की गलती से सीखो
यह प्रेरणादायक कहानी एक ऐसे बूढ़े शेर और चालाक लोमड़ी की है जो हमें बहुत कुछ सिखा जाती है की किस तरह से हमें दूसरों की गलती से सीख लेना चाहिए।
आप सभी जानते हैं कि जंगलों के राजा शेर को कहा जाता है यह सभी शक्तिशाली जानवरों में से एक होता है क्योंकि यह अपने शिकार को कभी नहीं छोड़ता है।
शेर फुर्तीला होने के साथ-साथ चालक भी होता है वह अपने शिकार को किस तरह से पकड़ना है यह भली भाती जानता है।
एक समय की बात है जब एक जंगल में एक बूढ़ा शेर रहता था लेकिन उसका ऐज बहुत ज्यादा होने के कारण अब वह पहले जैसे शिकार पर नहीं जा पता था।
शिकार न कर पाने के कारण किसी दिन उसे भूखा भी रहना पड़ता था, वह हमेशा सोचता था कि अब मैं बूढ़ा हो चुका हूं अब मैं पहले जैसा शिकार नहीं कर पाऊंगा।
ऐसा सोचते सोचते एक दिन उसके मन में एक ख्याल आता है कि क्यों ना मैं अपने शिकार को अपने पास ही बुला लूं, मझे बहार ही न जाना पड़े शिकार के लिए।
सोचते सोचते उसके मन में एक बहुत बढ़िया आईडिया आता है और वह अपने शिकार को खुद ही अपने पास बढ़िया आसानी से बुलाना शुरू करता है।
आप देखो शेर की यह चालाकी किस तरह से काम करते जाती है एक दिन वह शेर शिकार के लिए धीरे-धीरे आगे बढ़ते रहता है।
और आगे बढ़ते बढ़ते उसके सामने एक चिड़िया दिखती है वह बूढ़ा शेर उस चिड़िया से कहता है कि अब मैं बहुत ज्यादा बुरा हो चुका हूं अब मैं किसी का भी शिकार इस जंगल में नहीं कर पाऊंगा मैं बहुत ज्यादा थक चुका हूं अब मैं अपने गुफा में आराम करना चाहता हूं।
शेर के द्वारा कही गई बात उस चिड़िया द्वारा पूरे जंगल में पहुंचा दी जाती है कि अब वह बूढ़ा शेर थक चुका है और शिकार करना भी छोड़ दिया है और सिर्फ वह अपने गुफा में ही रहता है कुछ ही दिनों बाद वह मरने वाला है।
जंगल के बाकी सभी जानवरों ने उस चिड़िया के इस बात को सुनकर उस बूढ़े शेर को देखने की इच्छा जागृत होने लगती है।
जंगल के रहने वाले सभी जानवर एक-एक करके उस बूढ़े शेर को दूर से देखने जाया करते हैं कि वह किस स्थिति में वह अपने गुफा में रहता होगा।
जितने भी जानवर उस शेर को देखने गुफा के पास जाते थे तो शेर द्वारा एक शब्द उनसे कहा जाता था कि आप कौन हो अब मुझे दूर की वस्तुएं दिखाई नहीं देती है थोड़ा नजदीक आओ ताकि मैं जान सकू कि आप कौन हो।
शेर की इस बात को सुनकर जो भी जानवर शेर को देखने जाया करते थे उसकी गुफा के और आगे बढ़ता है और थोड़ा सा अंदर जाकर बात करने के लिए सोचता है।
लेकिन शेर बहुत चालाक होता है जैसे ही कोई भी जानवर उसके पास आता है तो वह उसे पकड़ लेता है और खा जाता है।
ऐसे ही जितने भी जानवर उसको देखने के लिए आते थे तो वह सभी को यही शब्द बोलकर थोड़ा सा अंदर बुलाकर उसे पकड़ कर खा जाता था।
अब एक दिन लोमड़ी भी यह सोचता है कि क्यों ना मैं भी उस बूढ़े शेर को देखकर आऊं, जो हमेशा सबका शिकार करता था कि वह आज कैसा है किस तरह से दिख रहा है।
एक दिन लोमड़ी शेर के गुफा के सामने खड़ा हो जाता है शेर उसे देखता है और बोलता है कि आप कौन हो आपको नहीं पहचान पा रहा हूं मेरी उम्र ज्यादा होने के कारण दूर की वस्तुएं आप थोड़ी भी नहीं दिखाई देती, यदि आप थोड़ा सा पास आओगे तो शायद मैं आपको पहचान पाऊं।
किंतु लोमड़ी भी बहुत चालाक होता है वह शेर से भी ज्यादा चालाक होता है और कुछ सोचता रहता है शेर ने फिर लौंडी से कहा आप दूर मत खड़े रहो पास आओ ताकि मैं आपको पहचान सकूं।
तभी उस लोमड़ी ने शेर की ओर देखा और कहा, मुझे बेवकूफ समझते हो क्या, मैं तुम्हारी इसकरतूत को भली भाती जान चूका हु।
जितने भी जानवर इस गुफा में अभी तक आए उनके पैरों के निशान जाते हुए दिख जरूर रहा है लेकिन गुफा से बाहर आते हुए किसी भी जानवर के पैर के निशान अभी तक नहींदिखा।
इसलिए मैं तुम्हारे इस जाल में नहीं फसूंगा, यह बोलकर लोमड़ी अपनी जान बचाकर जंगल की ओर चला जाता है।
ठीक ऐसे ही हम सभी के लाइफ में भी होता ही है हम दूसरों को कई बार गलती करते हुए देखते जरूर हैं लेकिन वही गलती खुद कर बैठते हैं।
इस संसार में बुद्धिमान व्यक्ति वही होता है जो दूसरों की गलती से कुछ नया सीखता है और उस गलती को खुद करने से बच जाता है और हमेशा इस तरह की गलती से बचने के लिए अलर्ट रहता है।
Moral (शिक्षा)
Motivational story in Hindi दूसरों की गलती से सीखो: इस कहानी से हमें यह शिक्षा मिलती है कि बुद्धिमान व्यक्ति वही है जो दूसरे की गलती से कुछ नया सिखता है, और खुद भी गलती करने से बचता है।हमारे लाइफ में भी ऐसे ही कई सारे उदाहरण देखने को मिलता है जिसमें हम देखते हैं कि सामने वाला व्यक्ति यह गलती कर रहा है लेकिन फिर भी हम उसके इस गलती से सीख नहीं पाते हैं और वही गलती आगे चलकर हम खुद करते जाते हैं।
इसलिए कहा गया कि बुद्धिमान, चालक, होशियार व्यक्ति वही है जो दूसरों की गलती से कुछ नया सीखता है और खुद गलती करने से बच जाता है।
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