Motivational story in Hindi दूसरों को जज करने से बचे - ldkalink

Motivational story in Hindi दूसरों को जज करने से बचे: यह हिंदी कहानी (Hindi kahani) एक ऐसे मोटिवेशनल स्टोरी के रूप में है जो हमें बताता है कि दूसरों के बारे में जाने बिना उसको जज नहीं करना चाहिए। 

कई बार हमारे साथ ऐसा होता है कि जो चीज हम सामने देख रहे होते हैं वह सही नहीं होता है और हम सामने वाले के बारे में कुछ अलग सोचने लग जाते हैं।  

हमें सामने वाले के बारे में कुछ भी नहीं पता होता है और हम उसके बारे में कुछ अलग ही अंदाजा लगाने लग जाते हैं यह कहानी एक ऐसे प्रेरणादायक (ispirational/prernadayak) कहानी  के रूप में है जो हमें बताता है कि किसी को बिना समझे उसे जज करने से बचे। 


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Motivational story in Hindi दूसरों को जज करने से बचे


Motivational story in Hindi दूसरों को जज करने से बचे 

यह कहानी एक ऐसे 20 साल के लड़के की है जो अपने पापा के साथ एरोप्लेन में सफर कर रहा होता है जिस जगह पर वह बैठे होते हैं उसी जगह पर उसके साइड में एक कपल भी बैठे होते हैं। 

जैसे ही प्लेन उड़ने लगता है लड़का जोर से चिल्लाने लगता है पापा नीचे देखो कितनी छोटी-छोटी गाड़ियां हैं, यह सुनकर उसके पापा बहुत खुश होते हैं और मुस्कुराने लगते है पर पास में बैठे कपल को यह बात थोड़ी अजीब लगती है और उसे घूर के देखने लगते हैं। 

लड़का दोबारा अपने पापा से कहता है कि पापा देखो यह बादल हमारे साथ ही चल रहा है उसके पापा अपने बेटे की यह बात सुनकर फिर से मुस्कुराने लग जाते हैं, पर साइड में बैठे कपल उस लड़के को चिल्लाते देखकर गुस्सा करने लग जाते हैं। 

लड़के की इस तरह की हरकतों को देखकर वह कपल उस लड़के के पिता से कहता है कि आप इनका इलाज क्यों नहीं करवाते। 

यह बात सुनते हैं उस लड़के के पिता ने उस कपल से कहा मेरा बेटा जन्म से अंधा था और आज ही इनका इलाज करके घर ले जा रहा हूं मेरे बेटे को कुछ भी नहीं पता उनके लिए यह सब चीज नया ही है इसलिए यह किसी भी चीज को देखकर बहुत बहुत खुश हो रहा है। 

उसके पिता की इस तरह की बातें सुनकर उस कपल को काफी अफसोस होता है कि काश मैं ऐसा नहीं कहा होता। 

Morel शिक्षा 


बिना किसी के बारे में जाने, उसे जज कर लेना, पछतावा का कारण बन सकता है। 

हम सबके साथ भी यही होता है जब हम किसी सामने वाले के बारे में कुछ भी नहीं जान रहे होते हैं और उसके बारे में कई तरह के बातें अपने मन में करते रहते हैं और जाने अनजाने में हम ऐसी बात कह जाते हैं जो पछतावा का कारण बन जाता है। 

इसीलिए कहा गया है कि किसी को कुछ कहने से पहले उसके बारे में जान लेना सही है किसी की मजबूरी को उसके हंसी का पात्र कभी ना बनाएं।

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