Motivational story in Hindi: यह हिंदी कहानी (Hindi kahani) एक ऐसे प्रेरणादायक (prernadayak/inspirational) कहानी के रूप में उन सभी बच्चों/विद्यार्थियों/बड़ो (kids/students/children's) के लिए है जो हमें बताता है हमें अपने जीवन (life) में सफलता (success) प्राप्त करने के लिए क्या क्या करना चाहिए।
हम सभी जानते हैं कि, संघर्ष ही जीवन है अर्थात कठिनाइयां ही सफलता का रास्ता है इसलिए कभी भी दूसरों से उम्मीद मत रखो और ना ही अपनी तुलना किसी से करो और हमेशा खुद पर विश्वास रखकर मेहनत करना कभी ना छोड़े, यदि आप अपने लाइफ में कुछ बढ़ा करना चाहते है तो सपने हमेशा बढ़ा रखो और इसके लिए जीवन में लक्ष्य का होना बहुत जरुरी है।
कभी भी अपना समय बर्बाद मत करो और समय की कीमत को समझो और जीवन में आने वाली हर एक चुनौतियों को स्वीकार करो, सफल आदतें बनाओ, साथ ही साथ दुसरो को जज करने से बचे।
यदि आप अपने आप को हमेशा मोटिवेट करना चाहते हैं, जीवन (life) में हमेशा आगे बढ़ना चाहते हैं, कुछ नया सीखते, सिखाते रहना चाहते है, आप अपने लाइफ में सफलता (success) प्राप्त करना चाहते हैं, एक सफल व्यक्ति के रूप में सबके सामने आना चाहते है तो यह motivational stories Hindi me आपके लिए ही है इसलिए इसे लास्ट तक जरूर पढ़े।
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motivational stories Hindi |
तो चलिए आज हम इस ब्लॉग यानी की www.ldkalink.com पर motivational story in Hindi हमेशा खुश रहना सीखे को पढ़ने जा रहे हैं।
Motivational story in Hindi
1. हमेशा खुश रहना सीखे
यह कहानी हमे बताता है की किस तरह से हर परिस्थिति में खुश रहा जा सकता है एक समय की बात है जब एक आश्रम में एक शिष्य गुरु जी को दान में एक गाय देता है।
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हमेशा खुश रहना सीखे Motivational story in Hindi
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यह देखकर गुरुजी बहुत प्रसन्न हो जाते हैं कि चलो अब दूध पीने को मिलेगा इससे अब सेहत भी अच्छी रहेगी कुछ दिन बाद शिष्य के द्वारा दान में दिया गया गाय वापस ले जा लिया जाता है।
यह जानकर भी गुरुजी बहुत प्रसन्न होते हैं चलो कम से कम गाय को वापस तो ले गया, अब गोबर उठाने से छुटकारा तो मिलेगा, इस एज में गाय की सेवा करने से तो बच गया।
Moral (शिक्षा)
खुश रहने का राज, हर स्थिति परिस्थिति में अच्छा ही सोचो।
यदि आप भी अपने लाइफ में हमेशा खुश रहना चाहते हैं तो हमेशा अच्छा ही सोचे, और हर स्थिति परिस्थिति के अनुसार अपने आप को ढाल ले, इससे आप हमेशा खुश रहेंगे।
हर परिस्थिति में खुश रहना आपकी सोच पर निर्भर करता है की आप क्या सोच रहे है इसलिए हमेशा अच्छा ही सोचे।
2. अहंकार का त्याग
एक समय की बात है जब गुरुजी का एक शिष्य जिनको अपने ज्ञान पर बहुत घमंड होता है उसे हमेशा यही लगता है कि उसके जैसा ज्ञानी इस दुनिया में कोई नहीं है उसे अपने ज्ञान पर बहुत गर्व होता है वह हमेशा दूसरों को नीचा दिखाने में लगा रहता है।
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Motivational story in Hindi अहंकार का त्याग |
गुरुजी अपने शिष्य की इस तरह के व्यवहार को बहुत दिनों से चुपचाप देखते रहते थे जब उसका ज्ञानी होने का घमंड दिनों दिन बढ़ते जाता है तो उनको लगने लगते हैं कि अब वह समय आ गया है कि इस शिष्य को कुछ उदाहरण देकर उसे खुद से परिचित कराया जाए कि वह अपने जीवन में क्या गलती कर रहा है।
1 दिन की बात है जब गुरुजी उस शिष्य से एक गिलास पानी मांगते हैं जब शिष्य एक गिलास पानी लेकर अपने गुरु जी के पास आता है तो गुरुजी उनसे कहते हैं कि इस क्लास में और पानी डालो और तब तक डालते रहो जब तक की क्लास से पानी छलकने न लग जाए।
गुरुजी की इस तरह की बात को सुनकर शिष्य सोचने लग जाता है कि यह क्लास तो पहले से ही पूरा भरा हुआ है अब अगर इसमें थोड़ा सा भी पानी और डालू तो इसमें से पानी छलकने लग जाएगा।
तभी शिष्य ने गुरु जी को बताया कि यह क्लास पहले से ही भरा हुआ है इसमें और पानी नहीं आ सकता, अगर मैं इसमें और पानी डालता हूं तो पूरा पानी गिलास से बाहर छलकने लग जाएगा।
तभी गुरु जी ने उस शिष्य को समझाया मुझे पहले से ही यह पता है यह क्लास पहले से ही भरा हुआ है इसलिए इसमें और पानी नहीं भरा जा सकता, पर अब तुम मुझे बताओ तुमने इस बात से क्या शिक्षा ली, तुम्हें इस बात से क्या समझ में आया है।
शिष्य ने कहा मुझे कुछ भी समझ नहीं आया कि आप मुझे क्या बताना चाह रहे हैं, कृपया करके आप ही मुझे समझाएं कि आप मुझे क्या समझाना चाह रहे हैं।
तभी गुरु जी ने अपने शिष्य को समझाया तुम्हारे अंदर बहुत ज्यादा पहले से ही अलंकार भर चुका है कि तुम बहुत ज्यादा ज्ञानी हो।
अब यदि तुम अपने अंदर के अहंकार को त्याग नहीं करोगे तो कुछ भी नया ज्ञान नहीं सिख पाओगे, ठीक उसी तरह से जैसे भरे हुए क्लास में और पानी नहीं भरा जा सकता है।
Moral (शिक्षा)
ज्ञान और सीखने की प्रक्रिया में अहंकार सबसे बड़ी बाधा होती है, हम तब तक कुछ नया नहीं सीख सकते हैं जब तक हम अपने अंदर छिपे अहंकार का त्याग नहीं करते है।
हम सबके जीवन में भी यही होता है जब हम अपने जीवन में कुछ नया सीखते रहना चाहते हैं पर सही तरीके से सीख नहीं पाते हैं जैसे हम जा रहे होते हैं।
क्योंकि हमारे अंदर पहले से ही फालतू की बहुत सारी बातें भर चुकी होती है अब यदि हम कुछ अच्छी बातें अपने अंदर ग्रहण करना चाहे तो, यह ठीक उसी तरह काम करता है जैसे एक पानी से भरी क्लास में और पानी डालने से वह छलकने लगता है।
यदि हम अपने अंदर दिमाग में रखें बेकार की बातों को बाहर निकाल कर फेंक देते हैं तभी हम अच्छी-अच्छी बातों को ग्रहण कर सकते हैं।
हम सब जानते हैं कि हर एक चीज की एक स्टोरेज क्षमता होती है यदि हम इस स्टोरेज क्षमता से अधिक कुछ और स्टोर करना भी चूहे तो भी हम यह नहीं कर पाते हैं।
अब यह आपके उपर निर्भर करता है कि आप अपने अंदर किस तरह की बातों को स्टोर रखना चाहते हैं जितना कम से कम फालतू की बातों को अपने अंदर रखेंगे उतना ही ज्यादा अच्छी-अच्छी बातों को ग्रहण करने की क्षमता आपमें होगी।
3. असफलता का कारण गलत निर्णय
एक समय की बात है जब एक जिज्ञासु एक महान संत से अपना एक प्रश्न करता है कि ईश्वर कहां है यह सुनते ही वह संत मुस्कराने लग जाते है और उसके प्रश्न का उत्तर देते हुए बताते हैं कि भगवान हर जगह है, कण-कण में ईश्वर है हम सब में भी ईश्वर है।
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Motivational story in Hindi असफलता का कारण गलत निर्णय
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संत के द्वारा बताए गए उत्तर को सुनते ही पीछे से जोर-जोर से आवाज आने लगती है कि सामने से हट जाओ यह हाथी पागल हो चुका है।
महारत रूपी ईश्वर जोर जोर से बार बार एक ही शब्द पीछे से चिल्लाते आते रहते हैं कि सभी सामने से हट जाओ यह हाथी पागल हो चुका है नहीं तो तुम सब मारे जाओगे।
महारत की आवाज को सुनकर जब वह संत पीछे पलट कर देखता है तो एक पागल हाथी चिंघाड़ते हुए उसके तरफ ही आते रहता है यह देखकर वह संत तुरंत ही हाथी के रास्ते से हट जाता है।
पर जिज्ञासु जो संत के साथ खड़ा होता है वह संत की बातों को याद करके कि भगवान सब जगह है हम सब में भी है सोचने लगता है उसे लगने लग जाता है कि भगवान इस हाथी में भी होगा, और भगवान मुझे कभी नहीं मारेंगे यह सोचकर वह अपनी जगह से नहीं हटता है।
जब हाथी उस जिज्ञासु के पास आता है तो अपनी सूट से उठाकर उसे दूर फेंक देता है जिससे उसे काफी ज्यादा छोट आ जाती है।
यह देखकर संत उस जिज्ञासु व्यक्ति के पास जाकर पूछते हैं कि तुमने इस पागल हाथी को देखकर अपनी जगह से भागा क्यों नहीं, अपनी जान क्यों नहीं बचाई।
जिज्ञासु बताता है कि थोड़ी देर पहले आप ने ही बताया था कि भगवान हर जगह है मुझे लगा इस हाथी में भी भगवान है और भगवान कभी किसी को नुकसान नहीं पहुंचाते यह सोचकर मैं अपनी जगह ही खड़ा रहा।
संत ने बताया कि लेकिन तुमने एक चीज नोटिस नहीं की इस पागल हाथी के पीछे महारत रूपी ईश्वर भी जोर-जोर से सबको बता रहा था कि यह हाथी पागल हो चुका है सब सामने से हट जाओ, तो तुमने उसकी बात क्यों नहीं मानी, भगवान उस व्यक्ति में भी था जो तुम्हें आवाज दे रहा था सामने से हट जाओ, यह पागल हाथी सबको मार देगी, इस समय उसमे भी भगवान था पर तुमने उसकी बात नहीं मानी।
Moral (शिक्षा)
हम अपनी अज्ञानता के कारण गलत निर्णय लेते हैं, और अपनी असफलता का कारण ईश्वर को कोशते हैं इसलिए जीवन में एक बात हमेशा याद रखें हमारा व्यवहार ही हमारी मूर्खता को दर्शाता है।
जीवन में खुद ही गलत निर्णय ले लेते हैं और अपनी असफलता का कारण किसी और को नहीं बल्कि ईश्वर को बताने लग जाते हैं।
4. अकेलापन
एक समय की बात है जब एक युवा भिक्षुक भगवान गौतम बुद्ध के पास आए और उनसे कहा, मैं अपने जीवन से बहुत ज्यादा परेशान हो चुका हूं उसने बताया कि जब मैं अपने दोस्तों के साथ रहता हूं तो उनसे बहुत ज्यादा झगड़ा करते रहता हूं और दूसरों की कमियों को हमेशा देखते रहता हूं।
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अकेलापन Motivational story in Hindi
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मैं हमेशा अकेले रहना तो चाहता हूं पर मैं अकेले रहने से बहुत ज्यादा डरता हूं और जब मैं किसी दूसरे के साथ होता हूं तो झगड़ा और विवाद और ज्यादा बढ़ते जाते हैं इस कारण से मैं खुद की आदतों से बहुत ज्यादा परेशान हो चुका हूं अब आप ही कुछ उपाय बताए ऐसे स्थिति में मैं क्या करू।
भगवान गौतम बुद्ध ने बताया कि जब भी आप किसी दूसरे के साथ होते हैं तो आपका मन सदैव बाहरी चीजों पर होता है, उन सभी बाहरी चीजों पर ही आपका मन उलझा रहता है।
लेकिन जब आप अकेले होते हैं तो आपको अपने अंदर को झांकने का मौका मिलता है, अपने ही मन को अच्छे से समझने का मौका मिलता है मन को सुधारने, संतोष प्रदान करने के कई अवसर आपको मिलता है।
यदि आप अकेले रहकर अपने बारे में सोचे कि आपमें क्या कमी है तो वह कमी आप खुद ही दूर कर सकते हो, आपके आपके अलावा कोई और नहीं।
भगवान बुद्ध की यह बात सुनते ही वह भिक्षुक अपने मन को शांत रखने लगा, इस तरह से वह अकेले रहने के महत्व को समझा, वह अकेले रहने का ठान लिया, इस तरह से अपने आप को शांत कर लिया और अपने मन की शांति को पाया।
Moral (शिक्षा)
अकेलापन, आपको बदलने का मौका देता है मन को शांत रखने का मौका प्रदान करता है, किसी भी चीज के बारे में सोचने समझने का बहुत अच्छा अवसर प्रदान करता है।
हम सबके साथ भी यही होता है जब हम दूसरों के साथ होते हैं तो हमारा मन कई सारी बाहरी चीजों पर लगा होता है हम उन्हीं चीजों के बारे में हमेशा उलझे रहते हैं और खुद के बारे में कभी भी नहीं सोच पाते हैं।
हमारा अकेलापन ही हम सबको जीवन में आगे बढ़ने का मौका देता है जितना ज्यादा आप अकेला रहोगे उतना ही ज्यादा आप अपने बारे में सो पाओगे।
5. चुप रहने की कला
एक समय की बात है जब गौतम बुद्ध अपने शिष्यों के साथ एक गांव में पहुंचे और उन सभी लोगो के साथ बैठे हुए थे तभी उन शिष्यों में से एक शिष्य खड़े होकर भगवान गौतम बुद्ध को अपशब्द बोलने लग जाता है।
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चुप रहने की कला Motivational story in Hindi
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उस शिष्य की बातों को सुनकर गौतम बुद्ध एकदम से शांत रहते हैं और जितने भी शब्द वह बोलता जाता है उन सभी अपशब्दों को वह चुप चाप सुनते ही रहता है और उस शिष्य को कोई भी प्रतिक्रिया नहीं देता।
लास्ट में वह शिष्य अपशब्द बोलते बोलते थक जाता है पर गौतम बुद्ध कुछ भी नहीं बोलते हैं और इस तरह से वह शिष्य उस जगह से ही चला जाता है।
उसके जाने के बाद एक दूसरा शिष्य जो अपशब्द बोलने वाले व्यक्ति के साइड में बैठा होता है गौतम बुद्ध से एक सवाल करते हैं कि वह जब आपको इतना उल्टा सीधा शब्द बोल रहा था तब आप क्यों चुप बैठे थे आपने कोई उत्तर क्यों नहीं दिया।
गौतम बुद्ध ने उस पूछे गए शिष्य से एक सवाल किया कि यदि तुम्हें कोई उपहार में कुछ देता है और यदि तुम उसके उस उपहार को स्वीकार नहीं करते हो तो वह उपहार किसके पास रहता है।
शिष्य ने बताया कि यदि मुझे कोई उपहार देता है और मैं उसे लेने से इनकार कर देता हूं तो वह उपहार उसी के पास ही रहता है जो मुझे दे रहा होता है।
गौतम बुद्ध ने समझाया कि जब वह शिष्य जो मुझे अपशब्द बोल रहा था, जो मुझे उल्टे शब्द बोल रहा था उस समय मैंने उनकी बातों को ध्यान ही नहीं दिया, मैंने उसके कोई भी शब्द स्वीकार ही नहीं किया और इस तरह से उनके शब्द उनके पास ही चले गया।
Moral (शिक्षा)
यदि कोई आपसे कुछ अपशब्द बोलता है और कही आप चुप रहते है, तो दूसरों के नजरात्मक शब्दों को अपने अंदर प्रवेश करने नहीं देते है।
यदि आपको कोई कुछ अपशब्द शब्द बोलते रहता है और यदि आप उस समय चुप रहते हैं तो उनके द्वारा बोले गए शब्द उनके पास ही रह जाता है
आप विषम परिस्थितियों में अपने मन को हमेशा शांत रखें, यदि आप ऐसा करते हैं तो आपके अंदर कोई भी नकारात्मक शब्द प्रवेश ही नहीं कर पाता है।
6. अपने आप को पहचानो
एक समय की बात है जब एक व्यक्ति लोगों से परेशान होकर गौतम बुद्ध के पास जाते हैं और बताते हैं कि सब लोग मुझे किसी काम का ही नहीं समझते हैं ऐसे में अब आप ही बताएं मेरे इस दुनिया में आने का क्या मतलब है आखिर मुझे भगवान ने क्यों बनाया होगा, क्या करने के लिए मुझे इस दुनिया में भेजा है।
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Motivational story in Hindi अपने आप को पहचानो
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गौतम बुद्ध उनकी यह बात सुनकर मुस्कुराते हुए एक कीमती पत्थर उसके हाथ में रख देते हैं और उस व्यक्ति से कहते हैं कि तुम इस पत्थर को लेकर जाओ और अलग-अलग जगह इसकी कीमत पता करके आओ।
अगली सुबह वह व्यक्ति उस पत्थर को लेकर बेचने के लिए बाजार की ओर निकल जाता है और रास्ते में एक फल बेचने वाले के पास गया और उसको इस पत्थर को दिखाया फल वाले ने बताया कि इस पत्थर के बदले में आपको 10 फल दे सकता हूं।
वह आदमी उस फल वाले के जवाब से संतुष्ट नहीं हुआ और फिर दूसरे से पूछने के लिए आगे निकल गया, अब वह एक सब्जी बेचने वाले के पास गया और उससे पूछा इस पत्थर की क्या कीमत होगी उस सब्जी वाले ने इस पत्थर के 3000 देने को बताया पर वह आदमी उस सब्जी वाले के जवाब से भी संतुष्ट नहीं हुआ और आगे की ओर निकल पड़ा।
आगे की ओर चलते-चलते अब वह आदमी एक सोने की दुकान पर पहुंच गया और वहां बैठे आदमी से पूछा इस पत्थर की क्या कीमत होगी मुझे इसके कितने रुपए मिल सकते हैं।
सोनार ने इस पत्थर के 30,000 रुपए देने के लिए राजी हो गया, लेकिन वह आदमी उस पत्थर को उसके पास नहीं छोड़ा और आगे की ओर फिर निकल पड़ा।
अब वह व्यक्ति आखिरी बार इस पत्थर की कीमत पूछने के लिए एक हीरे की दुकान पर चला गया और वही प्रश्न फिर से दोहराया तुम मुझे इस पत्थर के कितने रुपए दे सकते हो इस पत्थर की क्या कीमत है।
हीरे बेचने वाला उस पत्थर को देखते ही बहुत खुश हो गया और उस आदमी से एक सवाल किया तुम्हें यह पत्थर कहां मिला मैं तुम्हें इस पत्थर के मुमंगी कीमत दे सकता हूं, मैं तुम्हें इस पत्थर के 50 लाख रुपए देने के लिए राजी हूं यदि तुम इसे बेचना चाहो तो।
वह आदमी इस पत्थर की कीमत सुनते ही सोचने लगा कि आखिर यह पत्थर किस तरह का पत्थर है जो हर जगह अलग-अलग कीमत बताई जाती है यह सोचते हुए वह पत्थर को लेकर गौतम बुद्ध के पास वापस लौट जाते हैं।
गौतम बुद्ध के पास जाकर उस आदमी ने बताया कि इस पत्थर की अलग-अलग जगह पर पूछने पर सब ने अलग-अलग अपने अनुसार इसकी कीमत बताया।
अब आप मुझे मेरे प्रश्न का उत्तर दो, कि मैं इस दुनिया में क्यों आया हूं भगवान ने मुझे किस लिए इस दुनिया में भेजा है क्यों लोग मुझे कोई काम का नहीं समझते हैं।
गौतम बुद्ध ने मुस्कुराते हुए उसके प्रश्न का जवाब दिया जैसे इस पत्थर की कोई कीमत निर्धारित नहीं की जा सकती, हर व्यक्ति अपने अनुसार अपने सोच के अनुसार ही इसकी कीमत निर्धारित करता है ठीक वैसे ही तुम हो, लोग तुम्हें भी अपने अनुसार ही समझते हैं।
ठीक इस पत्थर की तरह ही तुम भी हो एक अमूल्य व्यक्ति हो, तुम दुनिया में सबसे अलग हो, तुम्हें भी बस खुद को तरासने की जरूरत है फिर आप भी किसी से कम नहीं होंगे।
जिस तरह से एक पत्थर को तरास कर हीरे का रूप दे दिया जाता है ठीक वैसे ही अगर तुम्हें भी कोई तरासे तो तुम भी किसी हीरे से कम नहीं होंगे।
तुम्हें और पत्थर में फर्क सिर्फ इतना सा है कि पत्थर को किसी के द्वारा तरासा जाता है पर तुम्हे खुद ही अपने आप को यह काम करना होगा, खुद ही मेहनत करके अपने आप को बदलना होगा।
moral (शिक्षा)
अपने आप को पहचानो, और अपना पूरा समय खुद को बदलने में लगा दो।
यदि तुम किसी के पास जाकर अपने ही बारे में पूछते हो कि मैं क्या कर सकता हूं तो सामने वाला जैसा रहता है ठीक वैसे ही उसी नजर से तुम्हें भी देखता है।
तुम जितनी जगह लोगों के पास जाकर अपने बारे में जानना चाहोगे सभी अपन सोच के मुताबिक रहन-सहन के मुताबिक ही तुम्हारे बारे में भी बताया।
इसलिए यदि खुद को बदलना चाहते हो तो इसके लिए सबसे पहले आप खुद को पहचानो, खुद को तरासने में अपना पूरा समय लगा दो अपने अंदर इतना बदलाव लाओ की जो लोग तुम्हें बोलते थे कि यह काम तुम नहीं कर सकते हो वह भी इस शब्द को कभी ना बोल पाए।
तुम लाखों में एक हो, तुम वह कर सकते हो जो दुनिया का कोई आदमी नहीं कर सकता लेकिन यह तुम्हारा सोच पर निर्भर करता है कि तुम क्या सोचते हो।
जितना बड़ा तुम अपने बारे में कुछ करने का सोचोगे उतने ही आगे तुम जाओगे, यह पूरा खेल आपकी सोच पर निर्भर करता है कि आप क्या सोचते हैं और इसके लिए कितना मेहनत करते हैं।
यदि आप अपने में बदलाव देखना चाहते हैं तो यह बदलाव आप खुद ला सकते हैं दूसरा कोई नहीं और इसके लिए मेहनत करते रहो और अपना एक लक्ष्य निर्धारित करके जीवन में आगे बढ़ते रहो।
7. समय बदलता है
समय किसी के लिए एक जैसा नहीं होता है समय सबका बदलता है बस मेहनत करते रहना चाहिए, हम सभी जानते हैं कि समय जो है वह परिवर्तनीय है समय का बदलना तय है इसे आज एक मोटिवेशनल स्टोरी के रूप में समझने वाले हैं।
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समय बदलता है Motivational story in Hindi
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हम सभी जानते हैं कि पहले समय में हर घर में गेट पर नजर रखी जाती थी की कोई कुत्ता घर पर न घुस जाए, इसके लिए एक आदमी हमेशा इस पर ध्यान रखा होता था, लेकिन अब हर घर में एक कुत्ता पाला जाता है ताकि घर में कोई व्यक्ति न घुस जाए।
ऐसे ही पहले समय में जब घरों में शादी होती थी तो घर की महिलाएं खाना बनाती थी और शादी में नाचने के लिए बाहर से लड़कियां लड़के बुलाए जाते थे, लेकिन आज अगर घर में शादी होती है तो बाहर से खाना बनाने के लिए बुलाया जाता है और घर के लोग नाचने लगते हैं।
Moral (शिक्षा)
हम सबके साथ भी यही होता है जब हमारा समय अच्छा होता है तो हम दूसरों को नीचा दिखाने में लग जाते हैं जो हमें नहीं करना चाहिए।
अच्छे समय में हम जिन लोगों पर हंस रहे होते हैं वह अभी अपनी जगह पर मेहनत कर रहा होता है बस उसका समय नहीं आया होता है जिसके लिए वह मेहनत कर रहा होता है।
इसलिए किसी पर हंसना छोड़े क्योंकि समय परिवर्तनीय है एक दिन सबका समय आता है क्योंकि हर व्यक्ति जीवन में आगे बढ़ने के लिए मेहनत कर रहा होता है।
हमेशा मेहनत करते रहो और जीवन में हमेशा आगे बढ़ते का सोचते रहो एक दिन आपको सफलता जरूर मिलेगी, और आप अपने को जैसा देखना चाहते हो ठीक वैसे ही समय आने पर देख पाओगे।
8. हमेशा पॉजिटिव सोचे
यह short motivational story (quotes) in Hindi आपको बताता है कि जीवन में कई तरह की परेशानियां आते ही रहती है यदि हम इन छोटी-छोटी आने वाली परिशानियो में ही उलझे रहे तो कभी भी अपने जीवन में आगे नहीं बढ़ सकते।
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पॉजिटिव सोचे Motivational story in Hindi |
यदि आप पॉजिटिव सोचकर आगे बढ़ जाते हैं तो आपके जीवन के यही छोटे-छोटे स्टेप्स आपको एक दिन आपके लक्ष्य की ओर ले जाते हैं और एक दिन आपको अपने काम में सफलता जरूर मिलती है इसे ही आज हम प्रेरणादायक कहानी के रूप में समझने वाले हैं।
मान लो यदि आपके बैंक खाते में ₹ 86,400 है यदि इसमें से किसी के द्वारा ₹10 चुरा लिया जाता है तो आपके अकाउंट में 86,390 ₹ बच जाता है।
अब आप जरा सोचो क्या आप शेष बचे ₹ 86,390 की परवाह न करते हुए क्या आप उस ₹10 के पीछे भागोगे जो किसी के द्वारा चुरा लिया गया है नहीं आप ऐसा बिल्कुल भी नही करेंगे आप उस ₹10 के पीछे कभी भी नहीं भागेंगे।
अब इस नीचे लिखे लाइन को गौर से पढ़ें, आपके पास हर दिन 86,400 सेकंड होते हैं अब यदि किसी व्यक्ति के द्वारा आपको 10 सेकंड कुछ उल्टा सीधा कह दिया जाता है जीसे आप अपने दिमाग में बैठा लेते हैं जिससे आपका पूरा माइंड अपसेट हो जाता है और वही बात आपका दिन भर के बचे हुए दिन में घूमते रहता है यानी की आपका बच्चा हुआ बाकी के 86,390 सेकंड बर्बाद हो जाता है जो आपको ऐसा नहीं करना चाहिए।
इसलिए हमेशा पॉजिटिव ही सोचे अब आप उस 10 सेकंड के कही गई बातों को भूलकर, अपने दिन भर के बचे हुए 86,390 सेकंड के बारे में सोचे की इसका कैसे उपयोग करना है इस तरह से इसका सही उपयोग करते हुए अपने लक्ष्य को पूरा करने में लगा दो।
Moral (शिक्षा)
हर स्थिति में, अपने समय का सही उपयोग करें।
जब आप अच्छा सोचकर अपने काम को आगे बढ़ाते हैं तो आपके साथ भी अच्छा ही होता है आप जैसा सोचेंगे ठीक वैसा ही दृश्य आपको दिखाई देता है।
इसलिए किसी के द्वारा कही गई कुछ ही सेकंड की बुरी बातो को माइंड में न रखते हुए, दिन भर के बचे हुए समय का सही उपयोग करे और अपना दिमाग खराब होने से बचाएं।
9. नई उम्मीद के साथ आगे बढ़ो
यह कहानी एक ऐसे आदमी की है जो रोज एक तालाब पर मछली पकड़ने जाया करता था और रोज वहां से मछली पकड़ कर लाता था जिसे वह रोज बनाकर अपने बीवी, बच्चों के साथ खाता था।
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नई उम्मीद के साथ आगे बढ़ो Motivational story in Hindi
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शाम होते ही उसके घर वाले उस आदमी का इंतजार कर रहे होते थे कि उनके आने पर मछली आएगा और खाना बनेगा।
1 दिन की बात होती है जब वह आदमी मछली पकड़ने गया होता है और देखते ही देखते शाम हो जाती है पर उसके हाथ एक भी मछली नहीं लगती है।
वह आदमी बहुत उदास हो जाता है और सोचने लगता है कि आज मैं घर जाकर क्या जवाब दूंगा, सब मेरी राह देख रहे होंगे कि मैं आऊंगा और घर वालों के लिए मछली लाऊंगा जिससे सबका पेट भरेगा।
शाम होने पर वह आदमी एक मछली की दुकान पर चले जाता है और उस व्यापारी से बोलता है कि मुझे जिंदा मछलियां दो और मैं इनमे से तीन मछलियों को अपने इस कांटे से ही पकड़ने के बाद ले जाऊंगा और उसके बाद ही आपको इन तीनो मछलियों के पैसे भी दूंगा।
वह व्यापारी एक बड़ी बाल्टी में बहुत सारी मछलियां डाल देता है और उसके बाद में मछली पकड़ने वाला आदमी उन मछलियों को अपने कांटे से पकड़ने लगता है एक-एक करके वह तीन मछलियां पकड़ता है और उसके बाद ही उन मछलियों के पैसे उस व्यापारी को देता है।
व्यापारी को यह बात समझ में नहीं आती है कि आखिर वह आदमी पैसे देने के बाद में भी इन्हें पकड़ना ही क्यों चाहा, यह तो पहले से ही पकड़ा जा चुका था घर जाते समय उस व्यापारी ने एक प्रश्न किया की आखिर आपने ऐसा क्यों किया।
मछली पकड़ने वाले ने बताया की मैं अपने मन में नेगेटिव चीज नही बैठा के रखना चाहता की आज मछली पकड़ने गया और एक भी मछली हाथ में नहीं आई, मैं उदास होकर अपने घर नहीं जाना चाहता हु।
अगर मैं मछली पकड़ के नहीं ले जाता तो जब मैं अगली सुबह घर से मछली पकड़ने के लिए निकलता तो, मेरे मन में हमेशा रहता की कल एक भी मछली नहीं पकड़ा था पता नही आज भी मिल पाएगा या नहीं, यह एक नेगेटिव थिंकिंग होता मेरे लिए, जो मैं अपने मन में नहीं आने देना चाहता हु।
जब मैं मछली पकड़ के घर गया तो मैं अगली सुबह रोज की तरह ही एक नई सुबह के साथ फिर से मछली पकड़ने चला गया और पूरा विश्वास था की आज भी मछली मिलेगा ही।
Moral (शिक्षा)
नई उम्मीद के साथ आगे बढ़ो, यदि आप अच्छा सोचते है तो आपके साथ अच्छा ही होगा।
हम सबके जीवन में भी यही होता है जब हम आज की आने वाली दिक्कत को अपने मन में बैठा लेते हैं जिससे हम आने वाले कल को भी नेगेटिव सोचने लगते हैं।
यदि आप अपने लाइफ में हमेशा आगे बढ़ते रहना चाहते हैं तो हमेशा अच्छा ही सोचे, जैसा आप सोचोगे वैसा दृश्य आपको दिखाई देता है।
10. अपनी सोच बड़ी रखे
एक समय की बात है जब एक अमीर आदमी अपने महंगी कार से नीचे उतरता है जिसे एक गरीब लड़का खड़े होकर देख रहा होता है।
तभी उस अमीर आदमी की नजर उस गरीब लड़के पर पड़ती है और उस पर दया करके उसे अपने कार में बैठा लेता है।
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अपनी सोच बड़ी रखे Motivational story in Hindi |
वह गरीब लड़का उस आदमी से पूछता है कि यह कार बहुत महंगी है ना, वह आदमी बताता है कि यह कार मैंने नही ली है इसे तो मेरे बड़े भाई ने मुझे उपहार में दिया है।
तभी लड़का कुछ सोचने लग जाता है उसे कुछ सोचते देखकर वह अमीर आदमी उससे कहता है कि मुझे पता है तुम क्या सोच रहे हो, तुम भी कार लेने का सोच रहे हो ना।
लड़के ने बताया कि मैं कार लेने का नहीं सोच रहा हूं मैं आपके बड़े भाई के बारे में सोच रहा हूं कि आपके बड़े भाई कितने अच्छे हैं जिन्होंने आपको उपहार में कार दिया है।
मेरे भी दो छोटे भाई हैं और मैं भी आपके बड़े भाई की तरह ही अपने छोटे भाइयों को इसी तरह से कार उपहार में देने का सोच रहा हूं।
गरीब बच्चे की यह बात सुनकर अमीर आदमी बहुत खुश हो जाता है और उसे कहता है कि जब इतनी बड़ी सोच रखते हो तो एक दिन अपना यह सपना जरूर पूरा होगा।
Moral (शिक्षा)
अपनी सोच दूसरों के सोच से कहीं ज्यादा बड़ी रखो, एक दिन आपके सपने जरूर पूरा होंगे।
जब आप अपनी सोच दूसरों की सोच से कहीं ज्यादा बड़े रखते हैं तो आपका सपना पूरा होते इस समय नहीं लगता।
11. जैसा सोचोगे वैसा ही होगा
यह life quote आपकी सोच (thinking) पर डिपेंड करता है कि आपका mindset कैसा है आप अपने लाइफ के बारे में क्या सोच रहे हैं क्या आप करना चाह रहे हैं किस फील्ड में आप आगे बढ़ना चाह रहे हैं लाइफ में आप जैसा सोचेंगे वैसा ही होगा।
यदि आप बुरा सोचते हैं तो बुरा ही होता है और कहीं यदि आप अच्छा सोचते हो तो अच्छा ही होता है इसलिए आप हमेशा पॉजिटिव सोच रखकर ही चले।
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Motivational story in Hindi जैसा सोचोगे वैसा ही होगा
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आज तक जितने भी लोग अपने लाइफ में सफल हुए हैं उन्होंने हमेशा अच्छा ही सोच कर अपने लक्ष्य को पूरा करने के लिए मेहनत जारी रखा और हमेशा आगे बढ़ते रहे।
यदि एक स्टूडेंट अपने पढ़ाई में 95% लाना चाहता है तो वह इसके बारे में सोच कर चलते रहता है और इसी के अनुसार ही वह मेहनत करते रहता है तभी वह इस कार्य को पूरा कर पाता है।
यदि कोई व्यापारी महीने का 1 लाख कमाने का सोचता है तो वह इसी के अनुसार मेहनत करने लग जाता है और यह काम वह करके ही रहता है।
आप जैसा सोचोगे वही दृश्य देखने को मिलता है यदि आप अच्छा सोचते हैं तो अच्छा होता है और यदि कहीं आप बुरा सोचते हैं तो बुरा ही होता है।
Moral (शिक्षा)
लाइफ में जैसा सोचोगे, वैसा ही होता है।
हम सबके साथ भी यही होता है यदि हम अपने मन में अच्छा सोचते हैं तो अच्छा दृश्य ही हमें दिखाई देता है और कहीं यदि बुरा सोचते हैं तो बुरा दृश्य ही हमको दिखाई देने लगता है।
यदि आप भी अपने लाइफ में सफलता की सीढ़ी चढ़ते रहना चाहते हैं तो आपको भी अपनी सोच हमेशा पॉजिटिव रखनी होगी, आपकी सोच ही आपको बहुत आगे तक ले जाएगी।
12. लक्ष्य पर फोकस करो
आपको हमेशा अपने लक्ष्य पर ही फोकस करना चाहिए, कोई दूसरा आपके बारे में क्या सोचता है, क्या बोलता है इसे हमेशा इग्नोर करके आगे बढ़ते रहना चाहिए।
आप कुछ भी काम करें लोगों का काम होता है आपके में कमी निकालना, इसलिए आपको जो अच्छा लगता है आपका जो लक्ष्य है उसे पूरा करने के लिए पूरा कोशिश करते रहे, इसे एक कहानी के रूप में समझने वाले।
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Motivational story in Hindi लक्ष्य पर फोकस करो |
यदि आप पैसा कमाने में ज्यादा फोकस करते हैं तो लोग आपको बोलेंगे कि हमेशा पैसे के पीछे भागता है और पैसा होने के बाद भी जीवन जीना नहीं जानता, हमेशा अपने में व्यस्त होता है किसी दूसरे के लिए समय नहीं दे पता है आखिर ऐसा पैसा कमाना भी कोई काम का नहीं है।
और कहीं यदि आप पैसा बचाकर चलते रहते हैं तो भी लोग कहेंगे कि आप बहुत कंजूस हो, आखिर पैसा बचा के करेगा ही क्या एक दिन तो सबको मरना ही है तो फिर कंजूसी करना ही क्यों खर्चीली बनो और अच्छे से जियो।
अब यदि कहीं आप बहुत ज्यादा खर्चीले होते हैं तो लोगों को देखकर लगेगा कि आपको पैसा बचाना नहीं आता, समझदारी से काम लेना नहीं आता, अगर ऐसे खर्च करते रहे तो आप अपने आने वाले पीढ़ी के लिए कुछ भी नहीं बचा पाओगे।
यदि कहीं आप आने वाले पीढ़ी को सोचकर समझदारी से अपना जीवन जीते रहते हैं तो लोग आपको मतलबी समझने लगेंगे क्योंकि आप उनके हिसाब से नहीं जीते रहते हैं सामने वाले को हमेशा लगेगा कि काम पड़ने पर ही आप हमसे बात करते हैं और बाकी समय आप अपने परिवार के साथी मस्त रहते है।
यह दुनिया कुछ ऐसी है कि यदि आप सामने वाले के मन के मुताबिक काम नहीं करते हैं तो उनकी नजर में आप एक गलत व्यक्ति बन जाते हैं आपमें कमी निकालने लग जाएंगे।
जब आप लोगों को खुश करने के लिए उनके मुताबिक जीते हैं तो सामने वाला आपसे बहुत खुश रहता है लेकिन आप खुद अपने आप में खुश नहीं होते हैं।
Moral (शिक्षा)
हमेशा अपने लक्ष्य पर फोकस करो, दुनिया आपको क्या बोलती है इसके पीछे मत भागो, और अपने लाइफ में आगे बढ़ने के लिए हमेशा मेहनत करते रहो।
जीवन में आप कुछ भी काम करो लोग आपकी कमियां निकालने में कसर नहीं छोड़ेंगे, जो लोग जैसे जीना पसंद करते हैं वह आपको भी उसी रूप में देखना चाहते हैं यदि ऐसा नहीं होता है तो आप उनकी नजर में एक गलत व्यक्ति बन जाते हैं।
इसलिए आपके जीवन में एक लक्ष्य का होना बहुत जरूरी है और इसी लक्ष्य को पाने के लिए बिना किसी दूसरे के बारे में सोचे समझे अपने लक्ष्य पर फोकस करते हुए हमेशा आगे बढ़ने के लिए मेहनत करते रहे एक दिन आपको कामयाबी जरूर मिलेगी।
13. ईमानदार बने रहिए
हम सबके जीवन में भी कुछ पल ऐसा आ जाता है कि हम थोड़े से पैसे का लालच करने लग जाते हैं हमारा ध्यान भटकने लग जाता है दूसरे के पैसे को पाने के लिए, बिना कुछ मेहनत के लिए ही हम तात्कालिक सुख के पीछे भागने लगते हैं इसलिए ईमानदार बने रहे को आज हम एक मोटिवेशनल कहानी के रूप में समझने वाले हैं।
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Motivational story in Hindi ईमानदार बने रहिए |
एक समय की बात है जब एक आदमी राजमहल के पास गुजर रहा था उसी समय उसके पास एक बूढ़ा व्यक्ति भी कंधे पर तीन भारी भरकम थैला लेकर जा रहा था।
वह बूढ़ा व्यक्ति उस लड़के को देखा और कहा, क्या तुम मेरी मदद कर सकते हो यदि आप मेरा बड़ा थैला अपने कंधे पर उठा लोगे तो मुझे आगे चलने में काफी आसानी हो जाएगी, वह लड़का राजी हो जाता है और उसके बड़े थैले को अपने कंधे पर लेकर दोनों आगे बढ़ने लग जाते हैं।
थोड़ी देर बाद सामने एक नाला आ जाता है वह बूढ़ा आदमी उस लड़के से दोबारा कहता है कि क्या तुम मेरा एक और थैले को उठा सकते हो, अगर यह थैला भी आप उठा लेते हो तो मुझे नदी पार करने में आसानी हो जायेगी।
वह लड़का दूसरा थैला उठाने के लिए राजी हो जाता है अब वह दो थैले को अपने कंधे पर लेकर नदी को पार करते रहता है।
थोड़ी देर बाद सामने एक पहाड़ आ जाता है अब वह बूढ़ा आदमी फिर उस लड़के से कहता है कि क्या तुम मेरा एक और थैला उठा सकते हो, वह लड़का फिर राजी हो जाता है अब उसके तीनों थैले को अपने कंधे पर उठाकर चलने लगता है।
चलते-चलते उस लड़के ने उस बूढ़े आदमी से एक सवाल किया आप इन तीनों थैलो में क्या रखे हैं, वह बूढ़ा आदमी बताता है कि इसमें एक थैला में सोने के सिक्के, दूसरे थैली में चांदी के सिक्के, और तीसरे में तांबे के सिक्के रखे हुए हैं।
यह सुनते ही उस लड़के के मन में लालच आ जाता है वह सोने के सिक्के को लेकर भागने का सोचने लग जाता है मन ही मन सोचता है कि क्यों ना इन थैले को लेकर भाग जाऊं।
थोड़ी देर सोचने के बाद वह लड़का तीनो थैले को लेकर वहां से भाग जाता है और जब वह तीनों थैले को खोल कर देखता है तो उन तीनों थैले में पत्थर के सिवाय और कुछ भी नहीं मिलता है।
यह देखकर वह आदमी बहुत दुखी हो जाता है और सोचने लगता है कि वह आखिर मेरे से झूठ क्यों बोला था, थोड़ी देर बाद वह लड़का उस बूढ़े आदमी के पास जाता है और एक सवाल करता है कि आपने मेरे से झूठ क्यों बोला था।
उस बूढ़े आदमी ने बताया की जो राज महल तुम सामने देख रहे हो, मैं उस महल का राजा हूं और मैं अपने राजमहल के लिए एक ऐसा ईमानदार उत्तराधिकारी ढूंढ रहा हूं जो इस राजमहल को अच्छी तरह से संभाल सके।
लड़के को सारी बात समझ आ गई और उसे अपनी गलती पर पछतावा होने लगा, वह सोचने लगा कि काश अगर मैं लालच नहीं किया होता तो आज इस राजमहल का उत्तराधिकारी बन गया होता।
Moral (शिक्षा)
हमेशा ईमानदार बने रहे, आपकी ईमानदारी ही आपको आगे बढ़ने का मौका देती है।
हम सबके जीवन में भी कुछ पल ऐसा आ जाता है कि हम थोड़े से पैसे के लिए लालच करने लगते हैं और तात्कालिक सुख के चक्कर में अपना नुकसान कर बैठते हैं इसलिए हमे हमेशा ईमानदार बने रहना चाहिए और हमेशा आगे बढ़ते रहना चाहिए।
14. लालच न करें
एक समय की बात है जब एक व्यापारी अपने कस्टमर को शहद बेच रहा होता है तभी व्यापारी के हांथ से शहद की सीसी नीचे जमीन पर गिर जाती है और जमीन पर शहद बिखर जाता है।
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Motivational story in Hindi लालच न करें |
व्यापारी जितना शहद उठा सकता है उतना उठाता है पर कुछ शहद जिसे उठाया नहीं जा सका वह जमीन पर ही पड़ा रहता है।
थोड़े समय बाद जमीन पर पड़े हुए शहद में मक्खियों आने लगती है क्योंकि उन्हें मीठा बहुत पसंद होता है जब मक्खियों के पेट भर जाता है और वह उड़ने की कोशिश करती है तो वह उस जगह से नहीं हिल पाती है क्योंकि उसके पैर शहद में चिपक गए होते हैं।
जितना ज्यादा वह उड़ने की कोशिश करती है अपने पंखों को इधर-उधर फैलाती है उतना ही ज्यादा शहद में और भी फसते जाती हैं पर वह उस जगह से उड़ नहीं पाती है।
ठीक ऐसे ही हम सबके जीवन में भी होता है जब हम लालच में आकर थोड़े से सुख के लिए ऐसी जगह पर फंस जाते हैं जहां से हम बाहर नहीं निकाल पाते हैं।
Moral (शिक्षा)
लालच और तात्कालिक सुख के पीछे ना भागे, यह एक ऐसी जगह है जहां अगर हम फंस जाते हैं तो यहां से निकलना बहुत मुश्किल हो जाता है।
हम सबके साथ भी ऐसा ही होता है जब हम कुछ पैसों को देखकर लालच करने लगते हैं और तात्कालिक सुख का सोचने लगते हैं लालच और तत्कालिक सुख एक ऐसी जगह है कि जहां अगर हम फंस गए तो निकलना बहुत मुश्किल होता है।
इसलिए हमेशा मेहनत करके आगे बढ़ते रहे और तात्कालिक सुख का ना सोचे, आपका लगातार मेहनत ही आपको हमेशा आगे बढ़ाते रहेगा और जीवन की हर खुशी आपको समय समय पर देती रहेगी।
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